Chemistry, asked by saivindhyagita7856, 11 months ago

निम्न पर लघु टिप्पणी लिखिए-
(i) कार्बिलऐमीन अभिक्रिया (ii) डाइऐजकरण
(iii) हॉफमान ब्रोमेमाइड अभिक्रिया (iv) युग्मन अभिक्रिया
(v) अमनीअपघटन (vi) ऐसीटिलन
(vii) गैब्रिएल थैलिमाइड संश्लेषण

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Answered by siva157213
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Answer:

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Answered by Anonymous
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निम्न पर लघु टिप्पणी इस प्रकार है।

(i) कार्बिल एमीन अभिक्रिया -

•कार्बिल एमीन अभिक्रिया वह प्रक्रिया है जिसमें

ऐलीफेटिक या एरोमेटिक प्राथमिक एमिन को

अल्कोहलिय ओह की उपस्थिति में क्लोरोफॉर्म की कुछ बूंदों के साथ गर्म किया जाता हैं।तो तीव्र दुर्गंध युक्त

आयसोसाईनाइड प्राप्त होता है। उदाहरण - मैथिल एमिन । इस अभिक्रिया का उपयोग प्राथमिक एमिन सामूहिक उपस्थिति ज्ञात करने के लिए किया जाता है।

(ii) डाइएजोकरण अभिक्रिया

• डाइएजोकरण वह अभिक्रिया है जिसमें एरोमेटिक प्राथमिक एमीन सोडियम नाइट्राइट व तनु HCl के मिश्रण के साथ 273 से 278 तापमान पर अभिक्रिया द्वारा एमिनो समूह को डाईएजो समूह में परिवर्तित करते है।

•उदाहरस्वरूप - एनिलिन डाइएजोकरण प्रक्रिया द्वारा बेंजीन डाइएजोनियमक्लोराइड बनाता है।

•(iii) हॉफमान ब्रोमेंमाइड अभिक्रिया वह अभिक्रिया है जिसमें एलीफटिक या एरोमेटिक एसिड अमाइड द्रव ब्रोमिन के साथ कास्टिक पोटाश के जलीय विलयन की उपस्थिति में अभिक्रिया करके प्राथमिक एमीन ( 1 डिग्री कम का ) बनाते हैं।

•इस क्रिया में CONH₂ समूह को NH₂ समूह में परिवर्तित किया जाता है।

•(iv) युग्मन अभिक्रिया वह अभिक्रिया जिसमें

डाइएजोनियम लवणों की फिनालों तथा एरोमेटिक एमीनो के साथ प्रक्रिया होती है तथा Ar-N=N-Ar के एजो यौगिक बनते हैं।

•इस अभिक्रिया में डाइएजो समूह का नाइट्रोजन उत्पाद में भी उपस्थित रहता है। फीनालों के साथ युग्मन अल्प क्षारीय माध्यम में होता है जबकि पर्याप्तअम्लीय माध्यम में एमीनों के साथ होता है।

(V) अमोनी अपघटन वह प्रक्रिया है जिसमें अल्किल तथा बेंजीन हलाइडो में कार्बन - हेलोजन आबंध

नाभिकरागी द्वारा सरालता से विदरित हो जाता है।

•इस कारण एल्किल तथा बेंजिल हलाइड अमोनिया के साथ एथेनॉलिक विलयन से नागीकरागी प्रतिस्थापन

अभिक्रिया करते है।

•इस प्रक्रिया में हेलोजन परमाणु एमीनो समूह से प्रस्थापित हो जाता है।

•अमोनिया अणु द्वारा C-X आबंध के विफलान की प्रक्रिया को एमोनी अपघटन कहते हैं।

•(Vi) एसीटिलीकरण - वह प्रक्रिया जिसमें OH या NH समूह के हाइड्रोजन परमाणु , एसीटिल समूह द्वारा विस्थापित होते हैं।

•यह प्रक्रिया एसीटिलक्लोराइड (CH₃COCl) ,

एसिटिक ऐनहाइड्राइड या ग्लेशियल एसिटीक अम्ल द्वारा होती है।

R-OH +Cl COCH₃ → ROCOCH₃+ HCl

( Vii) ग्रेबियल थैलीमाइड संश्लेषण - इस प्रक्रिया का उपयोग प्राथमिक एमिनो के विचरण के लिए किया जाता है।

•इस प्रक्रिया में थैलीमाइड एथेनोलिक पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड से अभिक्रिया द्वारा थैलीमाइड का पोटैशियम लवण बनता है जो एलकिल हलाइड के साथ जब गरम किया जाता है तो क्षारीय जल अपघटन होता है तथा प्राथमिक एमीन का निर्माण होता है।

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