निम्न सांकेत नबन्दुओांके आधयर पर कहयिी ,उसकय शीषवक और उससे प्रयप्त होिे र्यिी
नशक्षय निखिए - सांके त नबांदु एक राजा था वह प्रजा से िहुत प्यार करता था –उसेपसु –पवक्षयोोंसे प्यार था – राजा
का कमरा पहली मोंवजल पर था वहाँ से वह पेड़ – पौधेऔर पशु – पवक्षयोोंको देखकर खुश होता –
एक वदन उसके कमरे के पास वाले पेड़ पर एक सुोंदर वचवड़या िैठी – उसका रों र् िहुत सुोंदर था और
वह मीठा र्ाना र्ाती थी – रजा खुश हुआ – वह वचवड़या रोज आती – िाररश और तेज हवा के कारण
वचवड़या िीच िीच में नहीों आती – एक वदन राजा ने रानी से कहा क्योों न हम इस वचवड़या को अपने
महल में रख लें – रानी ने मन वकया लेवकन राजा ने नही माना – राजा ने उसे पकड़कर सोने के वपोंजे में
रख वदया – राजा उसे अच्छेफल ,दाना देता लेवकन वचवड़या र्ाना र्ाने के िजाय रोनेलर्ी और िीमार
पड़ र्ई – राजा को दुुःख हुआ रानी ने समझाया वक यह वचवड़या िीमार नहीों है िस उसे वपोंजरे में रहना
अच्छा नही लर्ता खुले आसमान में उड़ना अच्छा लर्ता है – राजा ने रानी की िात मवण और वचवड़या
को आज़ाद कर वदया – अर्लेवदन वचवड़या कमरे के िाहर पेड़ पर िैठकर मीठे सुर में र्ाना र्ा रही
थी |
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