Biology, asked by maahira17, 8 months ago

निम्न शब्दों को उदाहरण समेत समझाएँ
(अ) सह प्रभाविता, (ब) अपूर्ण प्रभाविता

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Answered by nikitasingh79
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(अ) सह प्रभाविता :  

यदि किसी जीन के दोनों युग्मविकल्पी या एलील F1  पीढ़ी में समान रूप से साथ- साथ अभिव्यक्त होते हैं, तो इन युग्मविकल्पियों को सहप्रभावी युग्मविकल्पी कहते हैं तथा इनकी अनुवांशिकता को सहप्रभाविता कहते हैं।  

उदाहरण :  

भूरेलाल बालों वाले मवेशियों (R1 R1)तथा सफेद बालों वाले मवेशियों (R2 R2)के मध्य संकरण कराने पर F1 पीढ़ी के विषमयुग्मजी संकर मवेशियों (R1 R2)  में लाल और सफेद दोनों रंग के बालों का मिश्रण बनता है , जिसे चितकबरा कहते हैं।  

(ब) अपूर्ण प्रभाविता :  

अपूर्ण प्रभाविता F1 में संकर जीवों का लक्षणप्रारूप दोनों समयुग्मजी जनकों से नहीं मिलता, अपितु दोनों के मध्य होता है। अतः स्पष्ट है कि युग्मविकल्पी जोड़े दोनों जींस के बीच प्रभावी और अप्रभावी का संबंध नहीं है , परंतु मध्यम लक्षणप्रारूप प्रदर्शित करते हैं।  

उदाहरण :  

जब गुलाबांस के लाल पुष्पों (RR) वाले शुद्ध नस्ली पौधों को सफेद पुष्प (rr) वाले शुद्ध नस्ली पौधों से संकरण कराया गया तो F1 - पीढ़ी में लाल नहीं वरन गुलाबी रंग (Rr) के पुष्प दिखाई दिए।

आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।

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Explanation:

Answer:

मेण्डल का नियम , मेण्डलनिय अपवाद , प्रभाविता पृथक्करण का नियम

mendel law and exception in hindi प्रभाविता पृथक्करण का नियम , मेण्डल का नियम , मेण्डलनिय अपवाद

1 मेण्डल का प्रथम नियम:- प्रभाविता का नियम:-

लक्षण कारक के रूप में होते है।

कारक जोड़े में नहीं होते है।

यदि कारक असमान हो तो पीढी में जो लक्षण प्रकट होते है उसे प्रभावी लक्षण कहते है तथा जो लक्षण प्रकट नहीं होता है से अप्रभावी लक्षण कहते है।

2 मेण्डल का दूसरा नियम:-पृथक्करण का नियम विसंयोजन या युग्मकों की शुद्धता का नियम(law of segregation or purify of gamet)

युग्मनी का एक साथ-2 रहते हुए भी एक दूसरे से संदूषित नहीं रहते है। तथा युग्मक बनने के दौरान इनका पृथक्करण होता है युग्मक किसी विशेष लक्षण के लिए पूर्णतयाः शुद्ध होता है। इसे पृथक्करण या युग्मकों की शुद्धता का नियम कहते है।

मेण्डल के प्रथम एवं द्वितीय नियम को एक संकर क्रोश के द्वारा समझाया जा सकता है

चित्र

3 मेण्डलनिय अपवाद:- (एक संकर कोश)

1 अपूर्ण प्रभावित (incomplete dominance):- संतति दो जनकों से मिलती जुलती नहीं होती तथा एक नयी तीसरा लक्षण उत्पन्न होता है जो दोनो जनकों से मिलता-जुलता तथा इनके बीच का सा होता है इसे अपूर्ण प्रभावित कहते है।

उदाहरण:- श्वान पुष्प स्नैप ड्रेगल/एंटीराइनम

चित्र

2 सह-प्रभाविता(co-dominance):- जबसंतति दोनो जनकों से मिलती जुलती होती है तो उसे सह-प्रभाविता कहते है।

उदाहरण:- मनुष्य में रूधिर वर्गो की वंशानुगति

मनुष्य में A, B, O प्रकार का रूधिर तंत्र पाया जाता है। इनमें विशेष प्रकार के प्रतिजन पाये जाते है। लाल रूधिर कणिकाएं की झिल्ली की बाहरी सतह पर विशेष प्रकार की बहु सर्करा पाई जाती है। जिसका नियंत्रण I जीन के द्वारा होता है।

संतति दो जनकों से मिलती जुलती नहीं होती तथा एक नयी तीसरा लक्षण उत्पन्न होता है जो दोनो से मिलता जुलता या इनके बिच सा होता है इसे अपूर्ण प्रभाविता कहते है

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