निम्न शब्दों का वाक्यों में प्रयोग किजिए काकी हलवा कचोरी
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एक शब्द और विभिन्न प्रयोग
विषय या प्रसंग के बदल जाने पर कुछ शब्दों के अर्थ भी बदल जाते हैं। इससे शब्दों का रूप नहीं बदलता । ऐसे शब्दों का प्रयोग प्रायः मुहावरों के रूप में होता है । कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं-
(1) धर्म
नियम-सहृदय व्यक्ति को प्रभावित करना कविता का मूल धर्म है। कर्तव्य-सबकी सेवा करना मनुष्य का धर्म है ।
संस्कार-मनुष्यों का धर्म नष्ट होता जा रहा है ।
(2) चाल
चालाकी-उसने शतरंज की चाल चली ।
गति-इस सायकिल की चाल बड़ी तेज है ।
धोखा-वह उस व्यक्ति की चाल में आ गया ।
चरित्र-इस लड़की की चाल ठीक नहीं है । चाल चलो, सादा निभे बाप-दादा ।
(3) ताक
घात-लगता है, आज तुम किसी घात में बैठे हो ।
टकटकी लगाकर देखना-वह मेरी ओर ताक रहा है।
खोजना-हम बड़ी देर से ताक रहे हैं, लेकिन वह अभी तक नहीं आया ।
(4) चलना
निबहना-इससे मेरा काम चल जाता है ।
वर्तमान-चलता जभाना, समय ।
विस्मरण-बात चलती है।
गमन-वह चलता है।
प्रयुक्त होना-यह चवत्री चल जायगी ।
कार्य होना-आजकल आपके यहाँ क्या चल रहा है ?
प्रचलित होना-उनकी कविता खूब चली।
(5) वृत्ति
व्यापार-इस वृत्ति में लाभ नहीं है।
जीविका-खिलौने बनाकर बेचना उनकी वृत्ति है ।
योग्य एवं निर्धन छात्रों की सहायता-मोहन को 200 रुपयों की छात्रवृत्ति मिलती है।
स्वभाव-इन लोगों की मनोवृत्ति ठीक नहीं लगती ।
(6) पता
ठिकाना-आपके घर का पता क्या है ?
सूचना-मुझे पता चल गया था कि आप आ रहे हैं।
मालूम होना-आपको कुछ पता रहता है कि कालेज में क्या हो रहा है ?
भेद-बहुत दिनों के बाद उनकी मृत्यु का पता चल गया ।
(7) खराब
गंदा-उसने मेरा शर्ट खराब कर दिया बुरा-श्याम बहुत खराब आदमी है ।
नष्ट-मेरा समय खराब मत कीजिए ।
दूषित यहाँ का हवा- पानी बहुत खराब है।
बरबाद-आज मेरा खाना खराब हो गया ।
(8) गजब
बड़ा भारी-आज तो लड़कों का गजब का जुलूस निकला था।
सुन्दर-उसके नेत्र गजब के थे ।
जुल्म-तुम गजब क्यों ढा रहे हो ?
विपरीत-खुदा की कसम, गजब हो गया ।
अजीब-आप गजब के आदमी हैं ।
(9) संसार
विश्व-यह संसार बहुत ही विशाल है।
परिवार-मेरा तो संसार ही लुट गया ।
विवाह-राम ने अपना संसार बसा लिया ।
वातावरण-सबका अपना-अपना संसार होता है।
(10) लहर
तरंग-गंगा की लहरें देखते ही बनती हैं।
झोंका-जाड़े में हवा की लहर से शरीर काँप उठता है ।
उमंग, जोश-बंगलादेश पर आक्रमण के समय देश में एक उमंग आयी थी ।
जलन-पैर का घाव लहर रहा है ।
मौज में झूमना-धान के पौधे लहर रहे हैं।
(11) फूटना
छेद होना-मेरा लोटा फूट गया है ।
मवाद निकलना-उनका फोड़ा फूट गया ।
प्रकट होना-बोली फूटे तो कोयल, नहीं तो कौआ ।
बहुत अधिक-राम फूट-फूट कर रो रहा है ।
बिगड़ जाना-उसका तो भाग्य ही फूट गया ।
Answer:
Kaki mujhe halwa aur kachori khane hai.