निम्नलिखिल कविता का सप्रसर व्याख्या (अर्थ) लिखिए ।
अपने कर से खिला, धुला मुख
पूल पोठ सज्जित कर गात (छ) लेखक व्यक्ति से परेशान क्यों हो रहा था ?
थमा खिलौने नहीं सुनाती,
हमें सुखद परियों की बात ।
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Answer:
I would not understand if I would not read the full poem
निम्नलिखिल कविता का सप्रसर व्याख्या (अर्थ) लिखिए ।
अपने कर से खिला, धुला मुख
पूल पोठ सज्जित कर गात (छ) लेखक व्यक्ति से परेशान क्यों हो रहा था ?
थमा खिलौने नहीं सुनाती,
हमें सुखद परियों की बात ।
निम्नलिखिल कविता का सप्रसर व्याख्या (अर्थ) लिखिए ।
अपने कर से खिला, धुला मुख
पूल पोठ सज्जित कर गात (छ) लेखक व्यक्ति से परेशान क्यों हो रहा था ?
थमा खिलौने नहीं सुनाती,
हमें सुखद परियों की बात ।
निम्नलिखिल कविता का सप्रसर व्याख्या (अर्थ) लिखिए ।
अपने कर से खिला, धुला मुख
पूल पोठ सज्जित कर गात (छ) लेखक व्यक्ति से परेशान क्यों हो रहा था ?
थमा खिलौने नहीं सुनाती,
हमें सुखद परियों की बात ।
निम्नलिखिल कविता का सप्रसर व्याख्या (अर्थ) लिखिए ।
अपने कर से खिला, धुला मुख
पूल पोठ सज्जित कर गात (छ) लेखक व्यक्ति से परेशान क्यों हो रहा था ?
थमा खिलौने नहीं सुनाती,
हमें सुखद परियों की बात ।