निम्नलिखित अनुच्छेद को पढ़कर संज्ञा शब्दों को छाँटकर उनका भेद लिखिए |
मनुष्य के कर्म की सुंदरता जिन गुणों में प्रकट होती है, उनमें परोपकार सबसे ऊपर है। दान, त्याग,
सहिष्णुता, धैर्य, समता और ईश्वरीय सृष्टि का सम्मान करना आदि अनेक गुण परोपकार में आते हैं।
प्रकृति हमें परोपकार का पाठ सिखाती है। सूर्य-प्रकाश व ताप, चंद्रमा-शीतलता, अग्नि- तेज, वायु-प्राण,
पर्वत-वनस्पति व जड़ी-बूटियाँ और वृक्ष- हमें छाया और सरस फल प्रदान करते हैं। मनुष्यता की
कसौटी परोपकार है। जगत कल्याण के लिए शिव ने हलाहल पान किया; देवताओं की रक्षा के लिए
दधीचि ने अपनी हड्डियाँ अर्पित कर दीं; महर्षि दयानंद, श्रद्धानंद और महात्मा गांधी ने परोपकार के लिए
ही अपने प्राण न्यौछावर कर दिए; सुकरात ने जहर पिया तो ईसा मसीह सूली पर चढ़ गए। प्रकृति का
वरद पुत्र ऐसा करे भी क्यों न ? प्रकृति का आदर्श जो उसके सामने है |
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Answer:
मनुष्य
Explanation:
पर्वत-वनस्पति
जड़ी-बूटियाँ
महात्मा गांधी
वरद पुत्र
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