Hindi, asked by harshulvaderal, 7 months ago

निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर इसे अपनी भाषा में लिखिए

अंग्रेज़ अफ़सर सर आर्थर कॉटन ने सुझाया था कि यदि नदी पर धवलेश्वरम् में बाँध बना दिया जाय, तो नदी के पानी को नहरों के रूप में निकालकर खेतों की सिंचाई के काम में लाया जा सकता है। उनके प्रयत्नों के परिणामस्वरूप सन् 1845 में बाँध का कार्य आरंभ हो गया और गोदावरी जिला प्रांत का सबसे उपजाऊ इलाका बन गया। सोमेश ने मुझे बताया कि अन्य नदियों की भाँति गोदावरी भी अपने में कई सहायक नदियों को समेटे हुए है। उसमें मिलने वाली पहली सहायक नदी 'प्राणहिता' है, जिसका स्रोत महाराष्ट्र में है। बाद में 'इंद्रवती' और 'शबरी' भी गोदावरी में मिल जाती हैं। छोटी-बड़ी सहायक नदियों के मिलने से गोदावरी का पाट लगभग चार किलोमीटर चौड़ा हो जाता है। जब गोदावरी राजमुंद्री में पहुँचती है, तो शक्तिशाली नदी बन जाती है।​

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Answered by rajupradhanpatna2020
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अंग्रेज़ अफ़सर सर आर्थर कॉटन ने सुझाया था कि यदि नदी पर धवलेश्वरम् में बाँध बना दिया जाय, तो नदी के पानी को नहरों के रूप में निकालकर खेतों की सिंचाई के काम में लाया जा सकता है। उनके प्रयत्नों के परिणामस्वरूप सन् 1845 में बाँध का कार्य आरंभ हो गया और गोदावरी जिला प्रांत का सबसे उपजाऊ इलाका बन गया। सोमेश ने मुझे बताया कि अन्य नदियों की भाँति गोदावरी भी अपने में कई सहायक नदियों को समेटे हुए है। उसमें मिलने वाली पहली सहायक नदी 'प्राणहिता' है, जिसका स्रोत महाराष्ट्र में है। बाद में 'इंद्रवती' और 'शबरी' भी गोदावरी में मिल जाती हैं। छोटी-बड़ी सहायक नदियों के मिलने से गोदावरी का पाट लगभग चार किलोमीटर चौड़ा हो जाता है। जब गोदावरी राजमुंद्री में पहुँचती है, तो शक्तिशाली नदी बन जाती है।

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