निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
हर भाषा किसी न किसी समाज की एक मातृभाषा होती है। उसका अपना एक विशिष्ट साहित्य होता है। उस भाषा के साहित्य का अध्ययन करके हम उस भाषा-भाषी समाज के बारे में, उसकी सभ्यता और संस्कृति के बारे में ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। विदेशी भाषा का अध्ययन बुरी बात नहीं है। इससे हमारी संवेदना व्यापक होती है,हमारे ज्ञान का विस्तार होता है,हमारी मानवीय दृष्टि में व्यापकता आती है और विचारों में उदारता का समावेश होता है। भाषा किसी जाति की सभ्यता और संस्कृति की वाहक होती है। यदि हमारे पास अपनी भाषा का ज्ञान नहीं होगा, तो हम अपनी पहचान खो देंगे। अपनी भाषा या मातृभाषा में हमारा ह्रदय बोलता है। हमारा राष्ट्र-ह्रदय उसमें धड़कता है। इसलिए विदेशी भाषा की अपेक्षा मातृभाषा का महत्त्व अधिक होता है। जब तक कोई राष्ट्र अपनी भाषा को नहीं अपनाता तब तक वह स्वावलम्बी नहीं बन सकता और विकास नहीं कर सकता। मातृभाषा चिंतन और मनन कवि की भाषा होती है। संपूर्ण समाज उसी के माध्यम से स्वयं को व्यक्त करता है।
(क) मातृभाषा को अपनाना क्यों आवश्यक है ? स्पष्ट कीजिए। 2
(ख) "विदेशी भाषा का अध्ययन बुरी बात नहीं है" गद्यांश के आधार पर स्पष्ट कीजिए। 2
(ग) मनुष्य स्वावलंबी कब बन सकता है? उल्लेख कीजिए। 2
(घ) विदेशी भाषा की अपेक्षा मातृभाषा का महत्त्व अधिक क्यों है? 2
(ङ) उपर्युक्त अनुच्छेद का उचित शीर्षक लिखें ? 2
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Ham apni matrabhasha ko isliye Apna Aate Hain Kyunki videshi Bhasha ki Apeksha matrabhasha ka mahatva Adhik Hota Hai
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