निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
मनुष्य का अपने कर्म पर अधिकार है। कर्म के अनुसार फल मिलता है। अच्छे कर्म
करने वालों को फल भी अच्छा मिलता है। बुरे काम का परिणाम भी बुरा होता है। कर्म करना
बीज बोने के समान है। जैसा बीज बोता है वैसे ही फल होता है। एक छात्र परिश्रम की राह पर
चलता है तो उसे सफलता तथा संतुष्टि का फल प्राप्त होता है। दूसरा छात्र नकल और प्रवंचना
का जीवन जीता है, उसे जीवन भर चोरी, ठगी और धोखे बाजो के बीच रहना पड़ता है। दुष्ट
लोगों के बीच जीना तो दंड है अतः मनुष्य को पुण्य कर्म करते रहना चाहिए। इसी से मन को
सच्चा सुख मिलता है।
प्रश्र
(क) मनुष्य का किस पर अधिकार है?
(ख) बुरे काम का परिणाम कैसा होता है?
(ग) कर्म करना किसके समान है ?
(घ) कौन से लोगों के बीच रहना दंड है ?
(ङ) मनुष्य को कौन से कर्म करने चाहिए ?
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बुरे काम का परिणाम कैसा होता
बीच जीना तो दंड है अतः मनुष्य को पुण्य
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