निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही विकल्प चुनिए। ? आदर्श विद्यार्थी वही कहा जा सकता है जिसमें सबसे पहला गुण विनम्रता हो अपने गुरुजनों के प्रति श्रद्धा का भाव तथा निरंतर ज्ञान प्राप्ति की जिज्ञासा प्राप्ति हो ।यह विद्यार्थी जीवन की पहली सीढ़ी है ।महर्षि दयानंद जी ने स्वामी विरजानंद जी के कठोर व्यवहार को श्रद्धा तथा विनम्रता से सिर झुका कर सहन किया और गुरु से ज्ञान प्राप्त करने में सफल रहे।
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आदर्श विद्यार्थी वही कहा जाता है, जिसमें सबसे पहला गुण विनम्रता हो। अपने गुरुजनों के प्रति श्रद्धा का भाव तथा निरंतर ज्ञान प्राप्ति की जिज्ञासा हो। यह विद्यार्थी जीवन की पहली सीढ़ी है। स्वामी दयानंद जी ने स्वामी विरजानन्द जी के कठोर व्यवहार श्रद्धा तथा विनम्रता को सिर झुकाकर सहन किया और गुरु से ज्ञान प्राप्त करने मे सफल रहे। अनुशासनप्रिय छात्र का जीवन नियमित होता है। अनुशासित जीवन भविष्य के लिए भी हितकर होता है। परिश्रमी होना विद्यार्थी जीवन का सबसे बड़ा आभूषण है। एकाग्र भाव से, तन्मयतापूर्ण समर्पण के साथ अध्ययन करना उसका प्रमुख धर्म होता है।
1. इस गद्यांश का उचित शीर्षक क्या है?
क) आदर्श मित्र
ख) आदर्श विद्यार्थी
ग) आदर्श छात्र
घ) आदर्श पिता
2. विद्यार्थी का गुरुजनों के प्रति कैसा भाव होना चाहिए?
क) श्रद्धा का भाव
ख) नफरत का भाव
ग) जिज्ञासा का भाव
घ) समर्पण का भाव
3. स्वामी दयानंद जी के गुरु का नाम क्या था?
क) स्वामी रामदेव
ख) स्वामी गंगा देव
ग) स्वामी विरजानन्द
घ) स्वामी ज्ञानानंद
4. प्रस्तुत गद्यांश मे गुरु से ज्ञान प्राप्त करने मे कौन सफल रहा?
क) स्वामी रामदेव
ख) स्वामी गंगा देव
ग) स्वामी ज्ञानानंद
घ) स्वामी दयानंद
5. विद्यार्थी जीवन का सबसे बड़ा आभूषण क्या है?
क) आलसी होना
ख) परिश्रमी होना
ग) मिथ्यावादी होना
घ) शरारती होना