निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों से सही उत्तर चुनकर लिखिए। हँसते खिलखिलाते रंग-बिरंगे फूलक्यारी में देखकरजी तृप्त हो गया। नथुनों से प्राणों तक खिंच गईगंध की लकीर-सीआँखों में हो गई रंगों की बरसात अनायास कह उठा दिल वाह!धन्य है वसंत ऋतु ! प्रश्न1. कवि ने किस ऋतु का वर्णन किया है? * पतझड़ वसंत वर्षा ग्रीष्म 2. रंग-बिरंगे फूलों को देखकर कवि के हृदय में कौन-सा भाव आया? * प्रसन्नता कृतज्ञता संतुष्टि चापलूसी 3. “गंध की लकीर-सी’ से क्या अभिप्राय है * गंध की रेखा खुशबू सुगंध से हृदय में प्रसन्नता की अनुभूति इनमे से कोई नहीं 4. काव्यांश का उपर्युक्त शीर्षक होगा- * वसंत ऋतु गंध की लकीर रंगों की बरसात रंग बिरंगे फूल 5 . अनायास ही कवि का दिल क्या कह उठा? * वाह ! बसंत ऋतु क्या बात है बसंत ऋतु धन्य है बसंत ऋतु धन्य है वर्षा ऋतु
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निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों से सही उत्तर चुनकर लिखिए।
हँसते खिलखिलाते रंग-बिरंगे फूलक्यारी में देखकरजी तृप्त हो गया। नथुनों से प्राणों तक खिंच गईगंध की लकीर-सीआँखों में हो गई रंगों की बरसात अनायास कह उठा दिल वाह!धन्य है वसंत ऋतु !
प्रश्न1. कवि ने किस ऋतु का वर्णन किया है?
उत्तर : वसंत
2. रंग-बिरंगे फूलों को देखकर कवि के हृदय में कौन-सा भाव आया?
उत्तर : संतुष्टि
3. “गंध की लकीर-सी’ से क्या अभिप्राय है
उत्तर : सुगंध से हृदय में प्रसन्नता की अनुभूति
4. काव्यांश का उपर्युक्त शीर्षक होगा-
उत्तर : वसंत ऋतु
5 . अनायास ही कवि का दिल क्या कह उठा?
उत्तर : वाह !
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Explanation:
निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों से सही उत्तर चुनकर लिखिए। हँसते खिलखिलाते रंग-बिरंगे फूलक्यारी में देखकरजी तृप्त हो गया। नथुनों से प्राणों तक खिंच गईगंध की लकीर-सीआँखों में हो गई रंगों की बरसात अनायास कह उठा दिल वाह!धन्य है वसंत ऋतु ! प्रश्न1. कवि ने किस ऋतु का वर्णन किया है? * पतझड़ वसंत वर्षा ग्रीष्म 2. रंग-बिरंगे फूलों को देखकर कवि के हृदय में कौन-सा भाव आया? * प्रसन्नता कृतज्ञता संतुष्टि चापलूसी 3. “गंध की लकीर-सी’ से क्या अभिप्राय है * गंध की रेखा खुशबू सुगंध से हृदय में प्रसन्नता की अनुभूति इनमे से कोई नहीं 4. काव्यांश का उपर्युक्त शीर्षक होगा- * वसंत ऋतु गंध की लकीर रंगों की बरसात रंग बिरंगे फूल 5 . अनायास ही कवि का दिल क्या कह उठा? * वाह ! बसंत ऋतु क्या बात है बसंत ऋतु धन्य है बसंत ऋतु धन्य है वर्षा ऋतु