निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (उत्तर सीमा- 20 से 30 शब्द) अहंकार, क्रोध या द्वेष हमारे मन की बाधक प्रवृत्तियाँ हैं। यदि हम इनको बे-रोकटोक चलने दें, तो नि:संदेह वह हमें नाश और पतन की ओर ले जाएगी, इसलिए हमें उनकी लगात रोकनी पड़ती है, उन पर संयम रखना पड़ता है, जिससे वे अपनी सीमाओं से बाहर न जा सकें। हम उन पर जितना कठोर संयम रख सकते है, उतना ही मंगलमय हमारा जीवन हो जाता है।
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hey mate,
sry it would be too lendy
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Sorry but bhut lamba ho jayega..
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