Hindi, asked by kd904304, 6 hours ago

निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए- ज्ञान वृद्धि और आनंद की प्राप्ति का एक प्रमुख साधन अध्ययन है। वह आत्म-संस्कार के विधान का एक अंग है। किसी जाति के साहित्य में गति प्राप्त करने का कोई और द्वार नहीं है। किसी जाति के -भाव और विचार साहित्य में ही व्यक्त रहते हैं तथा उसी में उसकी उन्नति के क्रम का लेख रहता है। मनुष्य जाति के सुख और कल्याण के विषय में संसार में प्रतिभा सम्पन्न लोगों ने जो सिद्धांत स्थिर किए हैं उन्हें जानने का साधन स्वाध्याय ही है। उसे इस बात की खबर ही नहीं रहती कि मनुष्य की ज्ञान परंपरा किस सीमा तक पहुंच चुकी है। वह और यह जानता ही नहीं कि मनुष्यों के श्रम से एक मार्ग तैयार हो चुका है। (क) शिक्षा का क्या उद्देश्य है? (ख) किस प्रकार की शिक्षा व्यर्थ है? (ग) मनुष्य के जीवन में आत्मिक ज्ञान का क्या महत्व है? उपयुक्त गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक दीजिए। (3) 'स्वाध्याय' शब्द का सही अर्थ क्या होगा?​

Answers

Answered by Manav1235
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Answer:

स्वाध्याय का अर्थ 'स्वयं अध्ययन करना' तथा वेद एवं अन्य सद्ग्रन्थों का पाठ करना भी है। ... जीवन-निर्माण और सुधार संबंधी पुस्तकों का पढ़ना, परमात्मा और मुक्ति की ओर ले जाने वाले ग्रंथों का अध्ययन, श्रवण, मनन, चिंतन आदि करना स्वाध्याय कहलाता है। आत्मचिंतन का नाम भी स्वाध्याय है।

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Answered by cs7009621
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