Hindi, asked by pateltejram1960, 1 month ago

निम्नलिखित अपठित गद्यांश को ध्यान से पढकरणे गये प्रश्नों के उत्तर
दीजिए-
मनुष्य ही एक ऐसा प्राणी है, जो अकेला नहीं रह सकता। उसे अपनी
रक्षा के लिए समाज का संगठन करना ही पड़ता है। यों तो और भी कई प्राणी
गहै, जो अपना एक दल बनाकर रहा करते है परन्तु उन प्राणियों के दल और
मनुष्यों के समाज में यह भेद है कि मनुष्यों ने अपनी बुद्धि द्वारा अपने सामाजिक
जीवन का निरतर विकास किया है। देश, काल और अवस्था के अनुकूल
उन्होंने अपने समाज में यथेष्ट परिवर्तन किए हैं और परिवर्तन होते भी जा रहे
है। इसी समाज से मनुष्य उन्नतिशील है और अन्य प्राणियों का दल सैकड़ो
वों बाद भी अपनी स्थिति में कोई विशेष उन्नति या परिवर्तन नही कर सका।
अपनी उन्नति के लिए एक साथ मिलकर काम करने की प्रवृत्ति से प्रेरित होकर
जो दल बनाया जाता है उसी को हम समाज कहते हैं।
(च) प्रस्तुत गद्यांश का शीर्षक लिखिए?

Answers

Answered by pkanwar07011985
0

Answer:

मनुष्य इस गघान्श का शीर्षक हैं।

Answered by yadavrajendra7867
2

Answer:

मनुष्य वसाहत यह इसका शीर्षक है.

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