Hindi, asked by pradeepverma813288, 2 months ago

निम्नलिखित अपठित गद्याशकापढ़कर
संस्कार ही शिक्षा है । शिक्षा इंसान को इंसान बनाती है। आज के भौतिकवादी युग में
शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य सुख पाना रह गया है । आज की शिक्षा प्रणाली एकांकी है।
उसमें व्यावहारिकता का अभाव है, श्रम की प्रतिनिष्ठा नहीं है। प्राचीन शिक्षा प्रणाली में
आध्यात्मिक एवं व्यावहारिक जीवन की प्रधानता थी। यह शिक्षा केवल नौकरी के लिए
नहीं जीवन को सही दिशा प्रदान करने के लिए थी।
(1) उपर्युक्त गद्यांश का saransh dijiy​

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Answered by WhoIsthsi
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