Hindi, asked by aakku7618, 7 months ago

निम्नलिखित अपठित पद्यांश को सम्यक पढ़कर, पूछे गये प्रश्नों के उत्तर
अभी न होगा मेरा अंत अभी-अभी ही तो आया है
मेरे वन में मृदृल बसंत, अभी न होगा मेरा अंत ।
हरे-हरे ये पात डालियाँ, कलियां, कोमल गात
मैं ही अपना स्वप्न-मुदुल कर फेरूंगा निद्रित कलियो पर
जगा एक प्रत्युष मनोहर पुष्प-पुष्प से तंद्रालस लालसा खींच लूंगा मैं
अपने नवजीवन का सारा अमृत सहर्ष सींच दूंगा मैं,
द्वार दिखा दूंगा फिर उनको है मेरे वे जहाँ अनंत अभी न होगा मेरा अंत ।
क) "अभी-अभी ही तो आया है, मेरे वन में मुदुल वसंत" इस पंक्ति के माध्यम से कवि क्या कहना
चाहता है?
कवि ने यह क्यों कहा है कि "अभी न होगा मेरा अंत?
ग) उपर्युक्त पद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।​

Answers

Answered by seemakachhap15
7

Explanation:

1.इस वाक्य में इस वाक्य में कब है या कहना चाहता है कि अभी उसका अंत नहीं हो सकता क्योंकि यह वन्य मृदुल बसंती का मौसम है अभी ना होगा उसका अंत क्योंकि उसका अंत अभी निश्चित नहीं है l

2.

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