Political Science, asked by priyankarathore964, 1 year ago

निम्नलिखित अवतरण को पढ़ें और इसके आधार पर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दें--

1977 के चुनावों के दौर भारतीय लोकतंत्र, दो- दलिय व्यवस्था के जितना नजदीक गया था उतना पहले कभी नहीं आया I बहरहाल अगले कुछ सालों में मामला पूरी तरह बदल गया I हारने के तुरंत बाद कांग्रेस दो टुकड़ों में बट गई.. ... जनता पार्टी में भी बड़ी अफरा-तफरी मची…... डेविड बटलर, अशोक लाहिड़ी और प्रणव रॉय
- पार्था चटर्जी
(क)किन वजहों से 1977 में भारत की राजनीति दो- दलीय प्रणाली के समान जान पड़ रही थी?
(ख)1977 मैं दो से ज्यादा पार्टियां अस्तित्व में थी I इसके बावजूद लेखकगण इस दौड़ को दो- दलीय प्रणाली के नजदीक क्यों बता रहे हैं?
(ग) कांग्रेस और जनता पार्टी के किन कारणों से टूट पैदा हुई?

Answers

Answered by singhgurpreet2060
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मत-पत्र के प्रयोग के बजाय एलेक्ट्रानिक मतदान मशीनद्वारा मतदानस्वैच्छिक मतदान के बजाय अनिवार्य मतदाननकारात्मक मत का विकल्प'किसी को मत नहीं' (नोटा) का विकल्पचुने हुए प्रतिनिधियों को हटाने या बुलाने की व्यवस्थामत-गणना की सही विधि का विकासस्त्रियों एवं निर्बल समूहों के लिए सीटों का आरक्षणप्रत्याशियों के लिए समुचित आवश्यक योग्यता एवं अर्हताएँ निर्धारित करनामतदाता के लिए अर्हताओं में परिवर्तनचुनाव क्षेत्रों का सम्यक निर्धारणमतदान पत्रों की डिजाइन ऐसी हो जिससे लोगों को समझने एवं खोजने में कठिनाई न हो।निष्पक्ष निर्वाचन आयोग के का सम्यक गठनचुनाव खर्चों का निर्धारण एवं उस पर नियन्त्रणचुनाव प्रचार एवं आदर्श चुनाव आचार संहिता का कड़ाई से पालनमतदाताओं के लिए भयमुक्त वातावरणघूस देकर, शराब पिलाकर या जबरजस्ती मत डलवाने के विरुद्ध नियन्त्रणअवैध मतदान पर रोकचुनाव की ऋतु, दिन एवं समय निर्धारण में सावधानीजेल से चुनाव लड़ने पर रोकअन्यचुनाव सुधार[[Image:



Answered by TbiaSupreme
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आपातकाल और लोकतांत्रिक व्यवस्था के ध्वस्त होने के कारण भारत की राजनीति दो-दलीय प्रणाली के समान जान पड़ रही थी।सभी विपक्षी दलों ने गैर-कांग्रेसी मतों को विभाजन से वचने के लिए एक पार्टी ‘जनता पार्टी’ के नाम पर चुनाव में जाने का निर्णय लिया। 1969 में राष्ट्रपति चुनाव में अपने अपने गुट के प्रत्याशी को राष्ट्रपति बनाने की होड़ में कांग्रेस में टूट हुई। 1979 में मोरार जी, चौधरी चरण सिंह, जगजीवन राम के आपसी मतभेदों के कारण जनता पार्टी में टूट हुई।

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