Hindi, asked by lavk9934, 7 months ago

निम्नलिखित अवतरण का संक्षेपण कीजिए :

हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई सभी धर्मों में एक ही प्रकार की उदारता है । तो फिर मनुष्य धर्म के
न fic
नाम पर इतना उन्मत्त क्यों हो गया है ? मूल बात यह है कि इन झगड़ों का कारण धर्म नहीं है, इनके
मूल में स्वार्थ है।​

Answers

Answered by bhatiamona
20

हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई सभी धर्मों में एक ही प्रकार की उदारता है| सभी धर्म का एक ही लक्ष्य होता है| सभी धर्म एक ही रास्ता दिखता है| सभी धर्मो का एक ही मकसद होता है सच्चाई और प्रेम के मार्ग पर चलना| यह सत्य है कि झगड़ों का कारण धर्म नहीं है, इनकेमूल में स्वार्थ है।​

मनुष्य अपने स्वार्थो को पूरा करने के लिए धर्म को बीच में लाता है औरआपस में भेद-भाव करता है| मनुष्य ने धर्म के नाम पर सब कुछ बाँट लिया है| धर्म के नाम पर संस्कृति को भी बाँट दिया है| मनुष्य अपने-अपने धर्म के नाम से अपने स्वार्थों को पूरा करना चाहता है| मनुष्य ने अपनी सोच को इतना छोटा बना लिया है कि धर्म के नाम पर लड़ाई झगड़े करना शुरू कर दिए है| मनुष्य की सोच ही समाज में लड़ाई का कारण है| सभी रीति-रिवाज, अन्द्विश्वास , नियम मनुष्य के द्वारा बनाए गए है | मनुष्य ने ही मनुष्य को वर्गों में बाँट कर रखा है| मनुष्य की सोच के कारण आज मनुष्य कम उन्नति करते है|

                      धर्म एक ही है मानवता का धर्म जो मनुष्य को प्रेम से रहना सिखाता है| धर्म मनुष्य को सच्चाई के रास्ते पर ले जाता है| धर्म सभी मनुष्य एक ही है| मनुष्य को समझने की जरूरत है|

Similar questions