Hindi, asked by kamleshsahu6691, 2 months ago

निम्नलिखित अवतरण की व्याख्या
सुनत बात मुसकाइन मोहन।
हम फोकट कहवैया नोहन।
केश जांघ कहरव हैं मोती।
कहाँ बंचिहौ कोनो कोती।
कंवल बरोबर हाथ देखाथे।
छाती हंडुला सोन लजाथे।
बोड़री समुंद हवै पंडुकी गर।
कुंदरू ओठ दांत दरभी-धर।।​

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Answered by anilpingal1411
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Answer:

निम्नलिखित अवतरण की व्याख्या

सुनत बात मुसकाइन मोहन।

हम फोकट कहवैया नोहन।

केश जांघ कहरव हैं मोती।

कहाँ बंचिहौ कोनो कोती।

कंवल बरोबर हाथ देखाथे।

छाती हंडुला सोन लजाथे।

बोड़री समुंद हवै पंडुकी गर।

कुंदरू ओठ दांत दरभी-धर।।

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