Hindi, asked by antratapkire3675, 8 months ago

निम्नलिखित गाधांश की सप्रसग व्याख्या किजीए वैर क्रोध का​

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Answered by rithanya31
2

Apka question complete nahi he

.

Answered by yashkrrish123
1

वैर क्रोध का अचार या मुरब्बा है। जिससे हमें दु:ख पहुँचा है उसपर यदि हमने क्रोध किया और यह क्रोध हमारे हृदय में बहुत दिनों तक टिका रहा तो वह वैर कहलाता है। इस स्थायी रूप में टिक जाने के कारण क्रोध का वेग और उग्रता तो धीमी पड़ जाती है; पर लक्ष्य को पीड़ित करने की प्रेरणा बराबर बहुत काल तक हुआ करती है।

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