निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर प्रश्नों के उत्तर लिखिए –
बदलू मनिहार था | चूड़ियाँ बनाना उसका पैतृक पेशा था और वास्तव में बहुत ही सुंदर चूड़ियाँ बनाता था | उसकी बनाई हुई चूड़ियों की खपत भी बहुत थी | उस गाँव में तो सभी स्त्रियाँ उसकी बनाई हुई चूड़ियाँ पहनती ही थीं आसपास के गाँव के लोग भी उससे चूड़ियाँ ले जाते थे | परंतु वह कभी भी चूड़ियों को पैसों से बेचता ना था | उसका अभी तक वस्तु-विनिमय का तरीका था और लोग अनाज के बदले उससे चूड़ियाँ ले जाते थे | बदलू स्वभाव से बहुत सीधा था मैंने कभी भी उसे किसी से झगड़ते नहीं देखा था | हाँ, शादी विवाह के अवसर पर वह अवश्य ज़िद पकड़ जाता था | जीवन भर चाहे कोई उससे मुफ़्त चुरा ले जाए परंतु विवाह के अवसर पर वह सारी कसर निकाल लेता था आखिर सुहाग के जोड़े का महत्व ही और होता है | मुझे याद है, मेरे मामा के यहाँ किसी लड़की के विवाह पर जरा सी बात पर बिगड़ गया था और उसको मनाने में लोहे लग गए थे | विवाह में इसी जोड़ें का मूल्य इतना बढ़ जाता था कि उसके लिए उसकी घरवाली को सारे वस्त्र मिलते, ढेरों अनाज मिलता, उसके अपने लिए पगड़ी मिलती और रुपए जो मिलते सो अलग |
(क) वस्तु विनिमय क्या है ? वर्तमान में विनिमय की कौन-सी पद्धति प्रचलित है ?
(ख) बदलू के स्वभाव की विशेषताएँ लिखिए |
(ग) विवाह के जोड़े का मूल्य क्या होता था ?
(घ) बदलू कौन था ? उसका पैतृक पेशा क्या था ?
Answers
बदलू मनिहार था | चूड़ियाँ बनाना उसका पैतृक पेशा था और वास्तव में बहुत ही सुंदर चूड़ियाँ बनाता था | उसकी बनाई हुई चूड़ियों की खपत भी बहुत थी | उस गाँव में तो सभी स्त्रियाँ उसकी बनाई हुई चूड़ियाँ पहनती ही थीं आसपास के गाँव के लोग भी उससे चूड़ियाँ ले जाते थे | परंतु वह कभी भी चूड़ियों को पैसों से बेचता ना था | उसका अभी तक वस्तु-विनिमय का तरीका था और लोग अनाज के बदले उससे चूड़ियाँ ले जाते थे | बदलू स्वभाव से बहुत सीधा था मैंने कभी भी उसे किसी से झगड़ते नहीं देखा था | हाँ, शादी विवाह के अवसर पर वह अवश्य ज़िद पकड़ जाता था | जीवन भर चाहे कोई उससे मुफ़्त चुरा ले जाए परंतु विवाह के अवसर पर वह सारी कसर निकाल लेता था आखिर सुहाग के जोड़े का महत्व ही और होता है | मुझे याद है, मेरे मामा के यहाँ किसी लड़की के विवाह पर जरा सी बात पर बिगड़ गया था और उसको मनाने में लोहे लग गए थे | विवाह में इसी जोड़ें का मूल्य इतना बढ़ जाता था कि उसके लिए उसकी घरवाली को सारे वस्त्र मिलते, ढेरों अनाज मिलता, उसके अपने लिए पगड़ी मिलती और रुपए जो मिलते सो अलग
Explanation:
अपने से करने का प्रयास करो ।
Answer:
समस्त प्रश्नो का उत्तर इस प्रकार हैं।
Explanation:
वस्तु विनिमय क्या है ? वर्तमान में विनिमय की कौन-सी पद्धति प्रचलित है ?
वस्तु-विनिमय अर्थात् चीजों का आदान-प्रदान करना। पहले लोग एक वस्तु देकर दूसरे से दूसरी वस्तु लिया करते थे जिसप्रकार बदलू चूड़ियाँ लोगों को देकर पैसे न लेकर बल्कि आवश्यकता का सामान ले लिया करता था। यही वस्तु-विनिमय पद्धति मानी जाती थी। आज के समय में विनिमय की प्रचलित पद्धति मुद्रा होती है अर्थात् धन देकर चीजें खरीदना।वर्तमान में विनिमय की प्रचलित पद्धति मुद्रा होती है- देकर वस्तु खरीदना।
बदलू के स्वभाव की विशेषताएँ लिखिए |
बदलू बड़ा ही सरल व्यव्हार का था, वह लाख की चूड़ियों को बेचा करता था और वह लाख की चूड़ियों के बदले पैसे नहीं बल्कि अनाज कपड़े वगैरह लेता था बदलू बड़ा मेहनत करने वाला था। वह अपने कार्य को पूरी श्रद्धा और मेहनत से करता था।
विवाह के जोड़े का मूल्य क्या होता था ?
बदलू की पत्नी के वस्त्र, ढेरों अनाज, उसकी पगडी व रुपए आदि। उसके वस्त्र व रुपए।
बदलू कौन था ? उसका पैतृक पेशा क्या था ?
बदलू मनिहार था। चूड़ियाँ बनाना उसका पैतृक पेशा था और वास्तव में वह बहुत ही सुंदर चूड़ियाँ बनाता था। ... उस गाँव में तो सभी स्त्रियाँ उसकी बनाई हुई चूड़ियाँ पहनती ही थी आस-पास के गाँवों के लोग भी उससे चूड़ियाँ ले जाते थे। परंतु वह कभी भी चूड़ियों को पैसों से बेचता न था।
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