। निम्नलिखित गद्यांश के आधारके आधार नीचे लिखें प्रश्नों के उत्तर लिखिएका
शरीर और मिट्टी को लेकर संसार की असारता परबहुत कुछ कहा जा सकता है परंतु एक ही ध्यान
देनेकी बात है कि जितने सारतत्व जीवन के लिए अनिवार्य है,वे सब मिट्टी से ही मिलते हैं जिन
फूलों को हम अपने प्रिय वस्तुओं का उपमान बनाते हैं, वे सब मिट्टी की आवाज है। रूपा , रस, गंध,
स्पश - इन्हें कौन संभव करता है? माना कि मिट्टी और धूल में अंतर है लेकिन उतना ही जितना
शब्द और रस में, देह और प्राण में, चाँद और चाँदनी में मिट्टी की आभा का नाम धूल है और मिट्टी
के रंग रूप की पहचान उसकी धूल से ही होती है।
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1.मिट्टी जीवन के लिए सारतत्तव है क्यो ?
2.मिट्टी का फूलों पर क्या प्रभाव पड़ता है?
3.मिट्टी और धूल में क्या अंतर है ?
4.मिट्टी के रंग रूप की पहचान किससे होती है?
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1= kyonki jitne sartatva milte hain vo sb mitti se hi milte hain .
2= mitti se hi phoolon ki jadain panap pati hai aur phool khilta hai.
3= mitti aur dhool me utna hi anter hai jitna sabd aur ras me,deh aur pran me,chand aur chandni me.
4= mitti ke rang rup ki pahachan dhool se hoti hai .
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Answer:
1 = kyonki jitne sartatva milte hain vo sb mitti se hi milte hain .
2 = mitti se hi phoolon ki jadain panap pati hai aur phool khilta hai.
3 = mitti aur dhool me utna hi anter hai jitna sabd aur ras me,deh aur pran me,chand aur chandni me.
4 = mitti ke rang rup ki pahachan dhool se hoti hai.
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