निम्नलिखित गद्यांश का हिन्दी में अनुवाद कीजिए : तत्रभवति-माननीया, पद्मावती-गगधेशनन्दिनी, कुत्र न खलु गता क्व प्रस्थिता भवेत्, उताहो,- असनकुसुमवाञ्चितम् असनानां सर्जकवक्षाणां कुसुमैः पुष्पैः सञ्चितम् आच्छन्नम् व्याघ्रचर्मावगुष्ठितमिव व्याघ्रचर्माच्छदितमिव पर्वततिलक नाम शिला पट्टकं प्रयाता भवेत्।
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इस फ़िल्म में चित्तौड़ की प्रसिद्द राजपूत रानी पद्मिनी का वर्णन किया गया है जो रावल रतन सिंह की पत्नी थीं। यह फ़िल्म दिल्ली सल्तनत के तुर्की शासक अलाउद्दीन खिलजी का १३०३ ई. में चित्तौड़गढ़ के दुर्ग पर आक्रमण को भी दर्शाती है। पद्मावत के अनुसार, चित्तौड़ पर अलाउद्दीन के आक्रमण का कारण रानी पद्मिनी के अनुपन सौन्दर्य के प्रति उसका आकर्षण था। अन्ततः 28 जनवरी 1303 ई. को सुल्तान चित्तौड़ के क़िले पर अधिकार करने में सफल हुआ। राणा रतन सिंह युद्ध में शहीद हुये और उनकी पत्नी रानी पद्मिनी ने अन्य स्त्रियों के साथ आत्म-सम्मान और गौरव को मृत्यु से ऊपर रखते हुए जौहर कर लिया।
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