Hindi, asked by shaima4460, 6 months ago

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखें-

सत्संग से लौकिक और पारलौकिक दोनों प्रकार के सुख प्राप्त होते हैं. यदि कोई मनुष्य इस जीवन में दुखी रहता है तो कम से कम कुछ समय के लिए श्रेष्ठ पुरुषों की संगति में वह अपने सांसारिक दुखों का विस्मरण कर देता है. महापुरुषों के उपदेश सदैव सुख शांति प्रदान करते हैं. दुख के समय मनुष्य जिनका स्मरण करके धीरज प्राप्त करता है. सत्संग में लीन रहने वाले मनुष्य को दुखों का भय नहीं रहता है. वह अपने दिल समझता है, जिससे दुखों का कोई कारण ही शेष नहीं रह जाता. सत्संग के प्रभाव से धैर्य लाभ होता है जिससे मन में क्षमा की शक्ति स्वयं ही आ जाती है. क्षमा सभी प्रकार के दुर्गुणों का विनाश कर देती है और मन को शांति व संतोष प्रदान करती है. इसी प्रकार के अन्य अनेक लाभ सत्संग द्वारा प्राप्त होते हैं. संगति का प्रभाव मन पर अनिवार्य रूप से पड़ता है अतः सत्संग में रहने वाला मनुष्य सदाचारी होता है. हमें भी सदा सज्जन पुरुषों की संगति करनी चाहिए और दुर्जन मनुष्य से दूर रहना चाहिए. दुर्जनों के संग रहकर उत्कृष्ट गुणों वाला मनुष्य भी विनाश की ओर चला जाता है।

प्रश्न 1- किस मनुष्य को दुखों का भय नहीं रहता है? *

सत्संग में लीन रहने वाले

सत्संग से दूर रहने वाले

कुसंगति में रहने वाले

शक्तिशाली मनुष्य को​

Answers

Answered by neetusingh2611
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Answer:

satsang main leen rehne waale

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