निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए: 1×5=5
जिसके पास धैर्य है, वह जो इच्छा करता है, प्राप्त कर लेता है | प्रकृति हमें धीरज धारण करने की सीख देती है | धैर्य जीवन में लक्ष्य–प्राप्ति का द्वार खोलता है | जो लोग ‘जल्दी करो, जल्दी करो’ की रट लगाते हैं, वे वास्तव में, ‘अधीर मन, गति कम’ की प्राचीन लोकोक्ति को चरितार्थ करते हैं | सफलता और सम्मान उन्हीं को प्राप्त होता है, जो धैर्यपूर्वक काम में लगे रहते हैं | शांत मन से किसी कार्य को करने में निश्चित रूप से कम समय लगता है | बचपन के बाद जवानी धीरे–धीरे आती है | संसार के सभी कार्य धीरे–धीरे ही सम्पन्न होते हैं | यदि कोई रोगी डॉक्टर से दवाई लेने के तुरंत पश्चात् पूर्णतया स्वस्थ होने की कामना करता है, तो यह उसकी नितांत मूर्खता है | वृक्ष को कितना भी पानी दो, परंतु फल–प्राप्ति तो समय पर ही होगी |
कहा गया है – धीरे – धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होत|
माली सींचे सौ घड़ा, ऋतु आए फल होत।|
जब सब कामों का समय निश्चित है तो अधीर होने की क्या आवश्यकता है ?
i. ‘लक्ष्य – प्राप्ति’ का द्वार जीवन में कौन खोलता है ?
1 point
(ग) आशा
(क) इच्छा
(ख) विवेक
(घ) धैर्य
ii. ‘अधीर मन, गति कम’ की प्राचीन लोकोक्ति को कौन चरितार्थ करते हैं ?
1 point
(ख) जो ‘जल्दी करो – जल्दी करो’ की रट लगाते हैं |
(ग) जो परिश्रम से कार्य करते हैं |
(घ) उपर्युक्त कोई नहीं |
(क) जो धैर्य से काम करते हैं |
iii. माली कितना भी वृक्ष को सींच ले परंतु फल – प्राप्ति समय या ऋतु आने पर ही होती है – ये भावार्थ दोहे की किस पंक्ति से निकलता है ?
1 point
(क) धीरे – धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होत |
(ख) माली सींचे सौ घड़ा, ऋतु आए फल होत |
(ग) वृक्ष को कितना भी पानी दो, परंतु फल – प्राप्ति समय पर ही होगी |
(घ) किसी पंक्ति से नहीं |
iv. सफलता और सम्मान उन्हीं को प्राप्त होता है, जो -
1 point
(क) जल्दी – जल्दी काम करते हैं |
(ख) धैर्यपूर्वक काम में लगे रहते हैं |
(ग) इच्छा रखता है |
(घ) वृक्ष को पानी देते हैं |
(V) उपयुक्त शीर्षक दीजिये |
1 point
(क) धैर्य का महत्त्व
(ख) अनुशासन का महत्त्व
(ग) पर उपदेश कुशल बहुतेरे
(घ) परिश्रम का महत्त्व
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Answers
Answer:
i. घ
ii. ख
iii. ग
IV. ख
v. क
Answer:
i. ‘लक्ष्य – प्राप्ति’ का द्वार जीवन में कौन खोलता है ?
ANS- (घ) धैर्य
धैर्य जीवन में लक्ष्य–प्राप्ति का द्वार खोलता है |
ii. ‘अधीर मन, गति कम’ की प्राचीन लोकोक्ति को कौन चरितार्थ करते हैं ?
ANS- (ख) जो ‘जल्दी करो – जल्दी करो’ की रट लगाते हैं |
जो लोग ‘जल्दी करो, जल्दी करो’ की रट लगाते हैं, वे वास्तव में, ‘अधीर मन, गति कम’ की प्राचीन लोकोक्ति को चरितार्थ करते हैं |
iii. माली कितना भी वृक्ष को सींच ले परंतु फल – प्राप्ति समय या ऋतु आने पर ही होती है – ये भावार्थ दोहे की किस पंक्ति से निकलता है ?
ANS- (ग) वृक्ष को कितना भी पानी दो, परंतु फल – प्राप्ति समय पर ही होगी
माली कितना भी वृक्ष को सींच ले परंतु फल – प्राप्ति समय या ऋतु आने पर ही होती है – ये भावार्थ दोहे कीमाली सींचे सौ घड़ा, ऋतु आए फल होत।| इस पंक्ति से निकलता है
iv. सफलता और सम्मान उन्हीं को प्राप्त होता है, जो -
ANS-(ख) धैर्यपूर्वक काम में लगे रहते हैं
सफलता और सम्मान उन्हीं को प्राप्त होता है, जो धैर्यपूर्वक काम में लगे रहते हैं | शांत मन से किसी कार्य को करने में निश्चित रूप से कम समय लगता है |
(V) उपयुक्त शीर्षक दीजिये |
ANS-क) धैर्य का महत्त्व