निम्नलिखित गद्यांश को पढ़ कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए - 5X1=5
उपवास रखना केवल धार्मिक विधि-विधान या कर्मकांड का ही अंग नहीं है। उपवास-व्रत भारतीय संस्कृति के पूर्ण स्वास्थ्य के सूत्र हैं। ऋतु-परिवर्तन के समय व्रत इसलिए रखे जाते हैं कि बदलते मौसम में कई किस्म की बीमारियाँ आती हैं। बीमारियों से लड़ने की रोग-प्रतिरोधक शक्ति तभी प्राप्त होगी, जब शारीरिक और मानसिक शुद्धता होगी। इसी से जीवनी-शक्ति भी प्राप्त होती है, जिससे बल व बुद्धि का बराबर संतुलन बना रहता है।
उपवास के दौरान शरीर के पाचन-संस्थान को पूर्ण रूप से विश्राम मिलता है तथा शरीर में विद्यमान पुराने खाद्य अवशेष और दूषित पदार्थ नष्ट होकर मल के द्वारा बाहर निकल जाते हैं। गलत खाद्य पदार्थ ही विजातीय द्रव्य यानी विष का काम करते हैं। इस विष को जब शरीर रोग द्वारा निकालने का प्रयत्न करता है तो भूख स्वतः समाप्त हो जाती है। अतः उस समय उपवास करना अनिवार्य हो जाता है। भोजन लेने से तीव्र निष्कासन क्रिया रुक जाती है। भूख न रहने पर भोजन न किया जाए तो पूर्ण रूप से शारीरिक सफ़ाई होकर रोग का कारण जड़ से समाप्त हो जाता है। उसके पश्चात् नियमित तथा उपयुक्त आहार देने पर रोग के लौटने की आशंका नहीं रहती।
i भारतीय संस्कृति में पूर्ण स्वास्थ्य का सूत्र किसे माना गया है?
ii भारतीय संस्कृति में ऋतु परिवर्तन के समय व्रत रखने का विधान क्यों है?
iii व्रत-उपवास शरीर के लिए किस तरह लाभदायी हैं ?
iv व्रत-उपवास रखना कब अनिवार्य हो जाता है, और क्यों?
v गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए।
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i) उपवास को भारतीय का स्वास्थ्य सूत्र माना गया है।
sorry don't know second answer
iii) उपवास के दौरान शरीर के पाचन-संस्थान को पूर्ण रूप से विश्राम मिलता है तथा शरीर में विद्यमान पुराने खाद्य अवशेष और दूषित पदार्थ नष्ट होकर मल के द्वारा बाहर निकल जाते हैं
उपवास इस प्रकार लाभदाय है।
iv) गलत खाद्य पदार्थ ही विजातीय द्रव्य यानी विष का काम करते हैं। इस विष को जब शरीर रोग द्वारा निकालने का प्रयत्न करता है तो भूख स्वतः समाप्त हो जाती है। अतः उस समय उपवास करना अनिवार्य हो जाता है।
v) व्रत के लाभ
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