Hindi, asked by edwerd8320, 1 month ago

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये । सुभद्रा जी के व्यक्तित्व पर रोशनी डालते हुए महादेवी जी लिखती हैं कि अपने निश्चित लक्ष्य पथ पर अडिग रहना और सब कुछ हँसते-हँसते सहना उनका स्वाभावगत गुण था। आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद उनके चरित्र का यह पक्ष उन्हें और महान बना देता है। लेकिन केवल राजनीतिक जागरूकता ही उनके व्यक्तित्व में नहीं थी, सामाजिक जागरूकता भी उतनी ही अधिक थी। कविता लिखकर जिस विद्रोही स्वभाव का परिचय उन्होंने बचपन में दिया था, वह जीवन पर्यंत रहा। अपने बच्चों पर किसी तरह का अंकुश लगाने की बजाए उन्होंने उन्हें स्वाभाविक रूप से आगे बढ़ने का अवसर दिया।इसी तरह अपनी बेटी का अंतरजातीय विवाह कर उन्होंने सामाजिक रूढ़ियों को तोड़ने में जो साहस का परिचय दिया, वह इस बात से और भी मुख्य रूप में सामने आता है कि उन्होंने यह कहते हुए कन्यादान की प्रथा का विरोध किया कि स्त्री कोई निर्जीव वस्तु नहीं है जिसका कि दान किया जा सके। अपने पारिवारिक जीवन में ही नहीं सामाजिक-राजनीतिक जीवन में भी उन्होंने अपने प्रगतिशील साहसपूर्ण व्यक्तित्व का परिचय बराबर दिया।

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Answered by rupalijain6242p3em7n
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Explanation:

सुभद्रा जी के व्यक्तित्व पर रोशनी डालते हुए महादेव जी लिखते हैं कि वह अपने निश्चित लक्ष्य पद पर अडिग रहना और सब कुछ रिश्ते स्टेशन उनका स्वभाव गत कौन था

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