निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तरलिखकर फाइल अपलोड करें - एकस्या नद्या: तटे विशाल: जम्बु-वृक्ष: आसीत् | वृक्षस्य शाखासु एक: वानर: प्रतिवसति स्म | नद्याम् एक: मकर: अवसत् | नद्या: बहि: आगत्य स: मकर: यदाकदा वृक्षस्य नीचै: विश्रामं करोति स्म | क्रमेण उभयो: मैत्री अभवत् | वर्षर्तौ आगते जम्बुवृक्ष: पक्वै: जम्बुफलै: परिपूर्ण: जात: | वानर: मकर: तानि स्वादूनि जम्बुफलानि मिलित्वा अखादताम् | एकदा मकर: कानिचित् फलानि स्वभार्यायै मकर्यै अपि अनयत् | ( क) वानर: कुत्र प्रतिवसति स्म ? ( ख) नद्याम् क: अवसत् ? ( ग) वानर: मकर: च कानि मिलित्वा अखादताम् ? ( घ) मकर: जम्बु फलानि कस्यै अनयत् ?
Answers
Answer:
केवल बीस प्रतिशत ही असुरक्षित यौन संबंधो के कारण इस रोग के शिकार होते है। उपर्युक्त औषधि योग से नीरोग होकर सामान्य जीवन जी रहे एक सौ पचासी रोगियों में मात्र तीस रोगी ही यौन संबंधो के कारण इस रोग से पीड़ित हुए थे। चूंकि यह एक घृणित सामाजिक रोग के रूप में जाना जाता है।
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केवल बीस प्रतिशत ही असुरक्षित यौन संबंधो के कारण इस रोग के शिकार होते है। उपर्युक्त औषधि योग से नीरोग होकर सामान्य जीवन जी रहे एक सौ पचासी रोगियों में मात्र तीस रोगी ही यौन संबंधो के कारण इस रोग से पीड़ित हुए थे। चूंकि यह एक घृणित सामाजिक रोग के रूप में जाना जाता है।
Explanation:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तरलिखकर फाइल अपलोड करें - एकस्या नद्या: तटे विशाल: जम्बु-वृक्ष: आसीत् | वृक्षस्य शाखासु एक: वानर: प्रतिवसति स्म | नद्याम् एक: मकर: अवसत् | नद्या: बहि: आगत्य स: मकर: यदाकदा वृक्षस्य नीचै: विश्रामं करोति स्म | क्रमेण उभयो: मैत्री अभवत् | वर्षर्तौ आगते जम्बुवृक्ष: पक्वै: जम्बुफलै: परिपूर्ण: जात: | वानर: मकर: तानि स्वादूनि जम्बुफलानि मिलित्वा अखादताम् | एकदा मकर: कानिचित् फलानि स्वभार्यायै मकर्यै अपि अनयत् | ( क) वानर: कुत्र प्रतिवसति स्म ? ( ख) नद्याम् क: अवसत् ? ( ग) वानर: मकर: च कानि मिलित्वा अखादताम् ? ( घ) मकर: जम्बु फलानि कस्यै अनयत् ?