Hindi, asked by rudraksh1295, 2 months ago

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर अंत में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :- अपनी सूझबूझ और बुद्धि के कारण मनुष्य संसार का सबसे उत्तम प्राणी है। अपने भविष्य को सुखमय बनाने के लिए उसका जागरूक होना स्वाभाविक है। इस दृष्टि से यह आवश्यक है कि वह आय-व्यय में उचित तालमेल रखे। सुखमय भविष्य के लिए आवश्यक है कि आय का एक अंश नियमित रूप से बचाया जाए, जिससे आगे आने वाली आवश्यकताओं की पूर्ति सरलता से हो सके। सीमित खर्च करने वाला व्यक्ति मितव्ययी कहलाता है। अनावश्यक व्यय करके जो व्यक्ति धन का दुरुपयोग करता है, वह फ़िजूल खर्च माना जाता है। वास्तव में मितव्ययिता ही बचत और संचय की कुंजी है। कितना सही कहा गया है कि कोई व्यक्ति कमाने से नहीं, बचाने से धनी बनता है। मनुष्य के जीवन में जो आदतें बचपन में पड़ जाती हैं, वह किसी-न-किसी रूप में जीवन-भर बनी रहती हैं। मितव्ययिता और फ़िजूल खर्च की आदतें भी ऐसी ही है। प्रश्न :- (क) मनुष्य को संसार का सबसे उत्तम प्राणी क्यों माना गया है ? (ख) भविष्य को सुखमय बनाने के लिए क्या आवश्यक है ? (ग) मितव्ययी किसे कहते हैं ? (घ) व्यक्ति कैसे धनी बनता है ? (ड़) बचत की आदत कब से डालनी चाहिए ? (च) ‘नियमित’ शब्द में से मूल शब्द और प्रत्यय अलग-अलग करके लिखिए। (छ) दिए गए गद्यांश में से विलोम शब्द का जोड़ा चुनकर लिखिए। (ज) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक क्या होगा ?

Answers

Answered by priya9464
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Answer:

  1. मनुष्य अपनी सूझबूझ और बुद्धि के कारण संसार का उत्तम प्राणी माना गया हैं।
  2. भविष्य को सुखमय बनाने के लिए जागरूक होना स्वाभाविक और आवश्यक हैं।
  3. सीमित खर्च करने वाला व्यक्ति मितव्ययी कहलाता हैं।
  4. व्यक्ति पैसे बचाने से धनी बनता हैं।
  5. बचत की आदत बचपन से डालनी चाहिए।
  6. नियम + इत
  7. आय - व्यय
  8. मनुष्य का जीवन।
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