निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए
बार-बार सोचते, क्या होगा अब उस कौम का जो अपने देश की खातिर घर गृहस्ती जवानी जिंदगी सब कुछ छोड़ देने वालो पर हंसती है और अपने लिए बिकने का मौका ढूंढती हैं। दुखी हो गए।
पंद्रह दिन बाद फिर उसी कस्बे से गुजरे । कस्बे में घुसने से पहले ही ख्याल आया कि कस्बे की हृदय स्थली में सुबास की प्रतिमा अवश्य जी प्रतिष्ठापित होगी। लेकिन सुबास की आंखो पर चश्मा नहीं होगा। क्योंकि मास्टर चश्मा लगाना भूल गया। और कैप्टन मर गया। सोचा आज वहा रुकेंगे नहीं । पान भी नहीं खाएंगे। मूर्ति की तरफ देखेंगे भी नहीं । सीधे निकल जाएंगे। ड्राइवर से कह दिया चौराहे पर रुकना नहीं। आज काम है पान कहीं आगे खा लेंगे
प्रश्न1, गद्यांश में कौन दुखी है और क्यों ?
प्रश्न2,कस्बे में प्रवेश करने से पहले हवलदार साहब क्या सोचने लगे?
प्रश्न3, गद्यांश में युवा पीढ़ी के लिए निहित संदेश स्पष्ट कीजिए।
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प्रश्न1, गद्यांश में कौन दुखी है और क्यों ?
उत्तर : हवलदार
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प्रश्न2,कस्बे में प्रवेश करने से पहले हवलदार साहब क्या सोचने लगे?
उत्तर : कस्बे में घुसने से पहले ही ख्याल आया कि कस्बे की हृदय स्थली में सुबास की प्रतिमा अवश्य जी प्रतिष्ठापित होगी। लेकिन सुबास की आंखो पर चश्मा नहीं होगा। क्योंकि मास्टर चश्मा लगाना भूल गया। और कैप्टन मर गया। सोचा आज वहा रुकेंगे नहीं । पान भी नहीं खाएंगे। मूर्ति की तरफ देखेंगे भी नहीं । सीधे निकल जाएंगे।
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