निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए प्रत्येक क्रियाशीलता आचरण नहीं उठना बैठना, भोजन करना आदि क्रियाएं आचरण नहीं है। वास्तव में वह क्रियाशीलता आचरण कहलाती है जिसका संबंध दूसरे व्यक्ति से होता है। यदि किसी क्रिया से दूसरा व्यक्ति अनुकूल या प्रतिकूल रूप से प्रभावित होता है तो वह क्रिया आचरण बन जाएगी। जैसे किसी व्यक्ति की दुखद अवस्था पर यदि कोई हंसता है तो वह हंसना आचरण बन जाएगा। वैसे सामान्य रूप से हंसना केवल एक क्रिया है। यदि समस्त क्रियाओं को आचरण माना जाए तो पशु और प्रकृति के कार्यों को भी आचरण का विषय मानना होगा और इस प्रकार एक अव्यवस्था हो जाएगी। इसलिए आचरण का संबंध मूलतः मनुष्य से ही है; क्योंकि वह आत्मचेतन होकर कार्य करता है। प्रश्न – (क) उपर्युक्त गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक दीजिए। आचरण किस क्रिया को कहते है। (1) (ख) समस्त क्रियाओं को आचरण क्यों नहीं कहा जा सकता? (1) (ग) आचरण का संबंध मनुष्य से ही क्यों है ? (1)
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क-आचरण । वास्तव में वह क्रियाशीलता आचरण कहलाती है जिसका संबंध दूसरे व्यक्ति से होता है। यदि किसी क्रिया से दूसरा व्यक्ति अनुकूल या प्रतिकूल रूप से प्रभावित होता है तो वह क्रिया आचरण बन जाएगी।
ख-प्रत्येक क्रियाशीलता आचरण नहीं उठना बैठना, भोजन करना
आदि क्रियाएं आचरण नहीं है।
ग- आचरण का संबंध मूलतः मनुष्य से ही है; क्योंकि वह आत्मचेतन होकर कार्य करता है।
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