निम्नलिखित गद्यांशों को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के
पठित गद्यांशउत्तर दीजिए।
गद्यांश-1
पत्रों की दुनिया भी अजीबो-गरीब है और उसकी उपयोगिता हमेशा से बनी रही है। पत्र जो काम कर सकते हैं, वह संचार का आधुनिकतम साधन नहीं कर सकता है .पत्र जैसा संतोष फोन या एमएमएस का संदेश कहाँ दे सकता। पत्र एक नया सिलसिला शुरू करते हैं और राजनीति,साहित्य तथा कला के क्षेत्रों में तमाम विवाद और नई घटनाओं की जड़ भी पत्र ही होते हैं.
। दुनिया का तमाम साहित्य पत्रों पर केन्द्रित है और मानव सभ्यता के विकास में इन पत्रों ने अनूठी भूमिका निभाई है। पत्रों का भाव सब जगह एक-सा है, भले ही उसका नाम अलग अलग हो. पत्र को उर्दू में खत, संस्कृत में पत्र,कन्नड़ में कागद, तेलुगु में उत्तरम, जाबू और लेख तथा तमिल में कडिद कहा जाता है. पत्र यादों को सहेज कर रखते हैं, इसमें किसी को कोई संदेह नहीं है.
(क) पत्र के कौन-कौन से नाम बताए गए हैं.
(ख) पत्र संचार के किसी भी साधन से महत्वपूर्ण क्यों है.
(ग) लेखन ने पत्रों की क्या उपयोगिता बताई है.
(घ) “केन्द्रित' : मूल शब्द तथा प्रत्यय अलग करें.
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[उत्तर - 1-] खत , पत्र , कागद , उत्तरम , जाबू , लेख , कडिद ।
[उत्तर - 2-] पत्र जो काम कर सकते हैं, वह संचार का आधुनिकतम साधन नहीं कर सकता है .पत्र जैसा संतोष फोन या एमएमएस का संदेश कहाँ दे सकता। पत्र एक नया सिलसिला शुरू करते हैं और राजनीति,साहित्य तथा कला के क्षेत्रों में तमाम विवाद और नई घटनाओं की जड़ भी पत्र ही होते हैं ।
[उत्तर - 3-] दुनिया का तमाम साहित्य पत्रों पर केन्द्रित है और मानव सभ्यता के विकास में इन पत्रों ने अनूठी भूमिका निभाई है।
[उत्तर - 4-] केंद्र (मूल शब्द) - इत(प्रत्यय) ।
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