Hindi, asked by namratamaurya167, 6 months ago

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए
लंबे बेंट वाले हँसुवे को लेकर वह घर से इस उद्देश्य से निकला था कि अपने खेतों के
किनारे उग आई काँटेदार झाड़ियों को काट-छाँटकर साफ़ कर आएगा । बूढे बंशीधर जी के
बूते का अब यह सब काम नहीं रहा । यही क्या, जन्म भर जिस पुरोहिताई के बूते पर
उन्होंने घर-संसार चलाया था, वह भी अब वैसे कहाँ कर पाते हैं! यजमान लोग उनकी
निष्ठा और संयम के कारण ही उनपर श्रद्धा रखते हैं लेकिन बुढ़ापे का जर्जर शरीर अब
उतना कठिन श्रम और व्रत-उपवास नहीं झेल पाया । सुबह-सुबह जैसै उससे सहारा पाने
की नीयत से ही उन्होंने गहरा नि:श्वास लेकर कहा था-आज गणनाथ जाकर चंद्रदत्त जी
के लिए रुद्रीपाठ करना था अब मुश्किल ही लग रहा है। यह दो मील की सीधी चढ़ाई अब
अपने बूते की नहीं । एकाएक ना भी नहीं कहा जा सकता, कुछ समझ में नहीं आता।
क- बंशीधर कौन हैं? उनकी आजीविका का क्या साधन था ?
ख- बंशीधर किन कारणों से अब पुरोहिताई नहीं कर पा रहे थे ?
ग- लोग बंशीधर का सम्मान क्यों करते हैं ?​

Answers

Answered by amitsharmakingkhoffs
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Answer:

1 .bansidhar ek brahman hai. aur unki aajiwika ka sadhan purohityaaie hai.

2.bansidhar budhape ka jarjar sarir ke karan purohityaaie nhi kar paa rhe the.

3.bansidhar ki nistha aur sradha se ki hui har puja ke karan purohit log unka samman karte hai.

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