Hindi, asked by kayaverma52, 6 months ago


निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
इस बात के पर्याप्त प्रमाण खोजे जा सकते हैं कि समाज के ऊपरी वर्ग में चाहे जो भी होता रहा हो, भीतर-भीतर
भारतवर्ष अब भी यह अनुभव कर रहा है कि धर्म कानून से बड़ी चीज है। अब भी सेवा, ईमानदारी, सच्चाई और
आध्यात्मिकता के मूल्य बने हुए हैं। वे दब अवश्य गए हैं, लेकिन नष्ट नहीं हुए हैं। आज भी वह मनुष्य से प्रेम करता
है, महिलाओं का सम्मान करता है, झूट और चोरी का गलत समझाता है, दूसरे को पीड़ा पहुँचाने को पाप समझता
है। हर आदमी अपने व्यक्तिगत जीवन में इस बात का अनुभव करता है। समाचार-पत्रों में जो भ्रष्टाचार के प्रति
इतना आक्रोश है, वह यह साबित करता है कि हम ऐसी चीजों को गलत समझते हैं और समाज में उन तत्वों की
प्रतिष्ठा कम करना चाहते हैं, जो गलत तरीके से धन या मान संग्रह करते हैं।
दोषों का पर्दाफाश करना बुरी बात नहीं है। बुराई यह मालुम होती है कि किसी के आचरण के गलत पक्ष को
उद्घाटित करके उसमें रस लिया जाता है और दोषोद्घाटन को एकमात्र कर्तव्य मान लिया जाता है। बुराई में रस
लेना बुरी बात है, अच्छाई में उतना ही रस लेकर उजागर न करना और भी बुरी बात है। सैकड़ों घटनाएँ ऐसी घटती
है, जिन्हें उजागर करने से लोक-चित्त में अच्छाई के प्रति अच्छी भावना जगती है।
(क) भारतवर्ष धर्म और कानून के बारे में क्या अनुभव करता है?
(ख) सच्चाई और आध्यात्मिकता जैसे मूल्यों की क्या स्थिति है?
(ग) समाचार पत्रों में भ्रष्टाचार के प्रति व्याप्तम आक्रोश से क्या पता चलता है?
(घ) अच्छाई को अच्दी तरह से उजागर करने से लोगों पर क्या प्रभाव पड़ता है।
(च) गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक दीजिए?
खण्ड

please solve this​

Answers

Answered by ritu034
5

answer is correct but you check the answer

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Answered by gitashukla39
0

Explanation:

ऊपर वाला उत्तर सही है

ढछजणमऱणभयदेघढयरदतभज्ञश्रलध़

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