निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
पर उस जादू की जकड़ से बचने का एक सीधा-सा उपाय है । वह यह कि बाजार जाओ
तो खाली मन न हो। मन खाली हो, तब बाजार न जाओ। कहते हैं लू में जाना हो तो
पानी पीकर जाना चाहिए। पानी भीतर हो, लू का लूपन व्यर्थ हो जाता है । मन लक्ष्य में
भरा हो तो बाज़ार भी फैला-का-फैला ही रह जाएगा। तब वह घाव बिल्कुल नहीं दे
सकेगा, बल्कि कुछ आनंद ही देगा। तब बाजार तुमसे कृतार्थ होगा, क्योंकि तुम कुछ-
न-कुछ सच्चा लाभ उसे दोगे। बाजार की असली कृतार्थता है आवश्यकता के समय
काम आना।
(क) बाजार के जादू से बचने का सर्वोत्तम उपाय क्या है ?
(ख) मन में लक्ष्य भरने का आशय स्पष्ट करके लिखिए।
(ग) जादू की जकड़ द्वारा लेखक क्या कहना चाहता है ? लिखिए।
Answers
Answer:
(क) बाजर के जादू से बचने का उपाय यह है कि जब खाली मन न हो तब बाजार जाना चाहिए।
(ख) मन मे लक्ष्य भरने का आशय यह है कि जब बाजार भरा भरा हो तब वह घाव नहीं देगा।
(ग) मन में जकड़
PLEASE
MARK ME AS BRAINLIEST
पर उस जादू की जकड़ से बचने का एक सीधा-सा उपाय है । वह यह कि बाजार जाओ तो खाली मन न हो। मन खाली हो, तब बाजार न जाओ। कहते हैं लू में जाना हो तो पानी पीकर जाना चाहिए। पानी भीतर हो, लू का लूपन व्यर्थ हो जाता है । मन लक्ष्य में भरा हो तो बाज़ार भी फैला-का-फैला ही रह जाएगा। तब वह घाव बिल्कुल नहीं दे सकेगा, बल्कि कुछ आनंद ही देगा। तब बाजार तुमसे कृतार्थ होगा, क्योंकि तुम कुछ- न-कुछ सच्चा लाभ उसे दोगे। बाजार की असली कृतार्थता है आवश्यकता के समय काम आना।
(क) बाजार के जादू से बचने का सर्वोत्तम उपाय क्या है ?
➲ बाजार के जादू से बचने का सर्वोत्तम उपाय ये है कि तब बाजार जाया जाये जब मन खाली न हो और हमें अपनी जरूरतों के बारे में सही पता हो।
(ख) मन में लक्ष्य भरने का आशय स्पष्ट करके लिखिए।
➲ मन में लक्ष्य भरने का आशय है कि जब भी बाजार जाओ तो मन खाली ना हो, यदि मन खाली होगा तो बाजार जाने का औचित्य नहीं है, क्योंकि मन खाली होने पर उसमें व्यर्थ की इच्छाएं आकांक्षाएं होंगी और बाजार से गैर जरूरी चीजें खरीदने का मन करेगा। इसलिए मन खाली ना लेकर मन को लक्ष्य से भर कर जाना चाहिए, वह लक्ष्य जिसमें अनावश्यक चीजों को ना खरीदने का संकल्प निहित हो। यदि मन इस बात के लक्ष्य से भरा होगा तो बाजार फैला-फैला नजर आएगा और तब बाजार से केवल वही चीजें खरीद लेंगे, जिसकी हमें वास्तव में आवश्यकता है। तब बाजार हमसे कृतार्थ होगा और आनंद देगा और बाजार का सच्चा लाभ प्राप्त कर सकेंगे।
(ग) जादू की जकड़ द्वारा लेखक क्या कहना चाहता है ? लिखिए।
➲ जादू की जकड़ द्वारा लेखक बाजार के उस आकर्षण के जादू से बचने की बचने की बात कहना चाहता है। बाजार का भी अपना एक आकर्षण होता है जिस कारण व्यक्ति न चाहते हुए भी वो वस्तुएं खरीद लेता हैं, जिसकी उसे विशेष आवश्यकता नही होती।
#SPJ2