निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए
नहीं साब । वो लँगड़ा क्या जाएगा फ़ौज में पागल है पागल। वो देखो, वो आ रहा है। आप उसी से बात कर लो । फ़ोटो-वोटो छपवा दो उसका कहीं । हालदार साहब को पानवाले द्वारा एक देशभक्त का इस तरह मज़ाक उड़ाया जाना अच्छा नहीं लगा। मुड़कर देखा तो अवाक् रह गए। एक बेहद बूढ़ा मरियल-सा लँगड़ा आदमी सिर पर गांधी टोपी और आँखों पर काला चश्मा लगाए एक छोटी-सी संदूकची और दूसरे हाथ में एक बॉस पर टेंगे बहुत-से चश्मे लिए अभी-अभी एक गली से निकला था और अब एक बंद दुकान के सहारे अपना बॉस टिका रहा था तो इस बेचारे की दुकान भी नहीं । फेरी लगाता है। हालदार साहब चक्कर में पड़ गए। पूछना चाहते थे, इसे कैप्टन क्यों कहते हैं ? क्या यही इसका वास्तविक नाम है ? लेकिन पानवाले ने साफ़ बता दिया था कि अब वह इस बारे में और बात करने को तैयार नहीं।
चश्मेवाला एक बंद दुकान के सहारे अपना बॉस क्यों टिका रहा था ? (क) उसकी अपनी कोई दुकान नहीं थी।
(ख) उसे किसी से बात करनी थी।
(ग) यह दुकान बाजार के बीचों-बीच थी |
(घ) वह उसके जानकार की दुकान थी |
Answers
चश्मेवाला एक बंद दुकान के सहारे अपना बाँस क्यों टिका रहा था ?
(क) उसकी अपनी कोई दुकान नहीं थी।
(ख) उसे किसी से बात करनी थी।
(ग) यह दुकान बाजार के बीचों-बीच थी।
(घ) वह उसके जानकार की दुकान थी।
सही उत्तर है...
➲ (क) उसकी अपनी कोई दुकान नहीं थी।
⏩ चश्मे वाला एक बंद दुकान के सहारे अपना बाँस इसलिए टिका रहा था, क्योंकि उसकी अपनी कोई दुकान नहीं कि जब हालदार साहब ने पान वाले से चश्मे वाले के विषय में पूछा तो उसी समय एक आदमी आता दिखाई दिया। पान वाले ने उसकी तरफ इशारा किया। वह एक बूढ़ा मरियल लंगड़ा आदमी था। जिसके सिर पर गाँधी टोपी की और आँखों पर काला चश्मा लगा हुआ था। उसके हाथ में एक छोटी सी संदूकची थी और दूसरे हाथ में एक बांस जिसमे बहुत सारे चश्मे टंगे हुए थे। वह गली से निकला था और एक बंद दुकान के सारे अपना बाँल टिका रहा था। इसका कारण ये था कि उसकी अपनी कोई दुकान नही थी और वह चौराहे पर फेरी लगाता था।
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