निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
लोकतंत्र की दृष्टि से भारत को विश्व में सर्वोपरि माना जाता है। यहाँ संसद देश की सर्वोच्च संस्था है जिसमें देश के हित के लिए
विचार-विमर्श किया जाता है। संसद के सदस्यों का चयन जनता द्वारा किया जाता है इसलिए संसद का जनता से सीधा नाता होता
है। देश की जनता को अपने अमूल्य मत देने का अधिकार है। दुर्भाग्य से जनता की भलाई के लिए चुने गए ये सांसद राजकोष
से मिलने वाली जनता के लिए सुविधाओं पर कुंडली मारकर बैठ जाते हैं और जनता के पास अगले चुनाव की प्रतीक्षा करने के
अलावा कुछ हाथ नहीं लगता है। देश की जनता को यह बात समझ में आ गई है कि अब राजनीति देश-सेवा नहीं रह गई है।
अब अपने स्वार्थ के लिए राजनीति की जाती है। आज लालबहादुर शास्त्री, गांधी, पटेल, नेहरू जैसे नेता नहीं होते हैं, जिनके लिए
देशहित सर्वोपरि था। आज नेताओं का व्यवहार ‘मुंह में राम, बगल में छुरी' जैसा होता है। जनता को राष्ट्रभक्त, सुविज्ञ, सच्चरित्र
लोगों को ही चुनकर संसद में भेजना चाहिए, जिससे लोकतंत्र का भविष्य उज्ज्वल एवं गौरवपूर्ण बना रहे।
(i) किन नेताओं के लिए देश-हित सर्वोपरि था?
(ii) देश की सर्वोच्च संस्था कौन सी है? इसमें किस प्रकार का कार्य किया जाता है?
(ii) जनता को कैसा सांसद चुनना चाहिए?
(iv) (क) इस अनुच्छेद के लिए उपयुक्त शीर्षक लिखिए।
(ख) ‘मुंह में राम बगल में छुरी’ - मुहावरे का अर्थ लिखिए।
(v) देश-सेवा का वास्तविक अर्थ क्या है?
ritik8348:
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मुंह में राम बगल में छुरी का अर्थ होता है बातें कुछ और करना और अंदर से कुछ और होना
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