निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दो-
फादर को याद करना एक उदास संगीत को सुनने जैसा है,उनको देखना करुणा के निर्मल जल में स्नान करने जैसा था और उनसे बात कर्म के संकल्प से भरना था । मुझे परिमल के वे दिन याद आते है जब हम सब एक पारिवारिक रिश्ते में बंधे जैसे थे, जिसके बड़े फादर बुल्के थे । हमारे हंसी-मजाक में वह निर्लिप्त शामिल रहते,हमारी गोष्ठियों में वह गंभीर बहस करते, हमारी रचनाओं राय और सुझाव देते और हमारे घरों में किसी भी उत्सव और संस्कार में वह बड़े भाई और पुरोहित जैसे खड़े हो हमें अपने आशीषों में भर देते । मुझे अपना बच्चा और फ़ादर का उसके मुख में पहली बार अन्न डालना याद आता है और नीली आंखों की चमक में तैरता वात्सल्य भी- जैसे किसी ऊंचाई पर देवदारू की छाया में खड़े हो ।
प्रश्र-1 फ़ादर को याद करना किसके समान है और क्यों? (2)
प्र-2 लेखक को कौन से दिन याद आते हैं और क्यों ? (2)
प्र-3घर के उत्सव और संस्कार के समय लेखक को उनका कौन सा रूप दिखाई देता था? (2)
प्रश्र-4 इस पाठ के लेखक का क्या नाम है? (1)
प्रश्र-5 फ़ादर को याद करना एक उदास शांत संगीत को सुनने जैसा है ।( आशय स्पष्ट कीजिए)। (2)
प्रश्र-6 वाक्यांश के लिए एक शब्द-। (1)
जो लिप्त न हो----------
निम्नलिखित प्रश्रो के उत्तर दीजिए- ,(3 ×5=15)
1. फादर की उपस्थिति देवदार की छाया जैसी क्यों लगती है ?
2. फादर ने संन्यास कब लिया तथा संन्यास लेते समय कौन-सी शर्त रखी ?
3. लेखक ने फ़ादर बुल्के को मानवीय करुणा की दिव्य चमक क्यों कहा है ?
4.इस पाठ के आधार पर फ़ादर कामिल बुल्के की जो छवि उभरती है उसे अपने शब्दों में लिखें ।
5. फादर बुल्के ने कहां रहकर अपना कौन सा शोध पूरा किया?
6. फादर ने भारत आकर कहां-कहां पढ़ाई पूरी की?
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4 over 15 ÷[-10 over 3]
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Explanation:
१)उदास संगीत
२) उत्सव के दिन
३) बडे भाई और पुरोहित
५ ) अलिप्त
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