निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के सही उत्तर लिखिए-
मनुष्य संसार का एक श्रेष्ठ प्राणी है ईश्वर ने उसे चिंतन और मनन की अद्भुत
शक्ति
प्रदान की है |वह जिस संसार में रहता है उसके आधार पर वह एक और संसार बसा लेता
है। वह संसार उसके सपनों का संसार होता है। प्रत्येक मनुष्य के सामने कुछ आदर्श होते हैं,
उनकी महत्वाकांक्षाएं होती हैं | जिनको वह अपने जीवन में साकार करने के लिए उतावला
हो जाता है। हर एक व्यक्ति अपनी रुचि के अनुसार अपना अपना लक्ष्य निर्धारित करता है।
कोई डॉक्टर बनने की इच्छा से प्रेरित है, तो कोई इंजीनियर बनने के सपने साकार करना
चाहता है। कोई उद्योगपति बन कर देश का उद्धार करना चाहता है, कोई अभिनेता बनना
चाहता है और देश के जन-जीवन के पटल पर आकर अपनी प्रशंसा पाना चाहता है। कोई
स्कूल खोल कर इस अंधी दुनिया को प्रकाश देना चाहता है। भाव यह है संसार में कोई भी
मनुष्य ऐसा नहीं है जो कुछ न कुछ न बनना चाहे ध्येय अथवा लक्ष्य के बिना जीवन
निरर्थक है। ध्येय हीन जीवन ऐसा ही है, जैसे कोई नाविक बिना पतवार और डॉड़ो के नाव
को
समुद्र में भाग्य के भरोसे छोड़ दे| उसका परिणाम भयंकर ही होगा जीवन में लक्ष्य का
चुनाव अपनी इच्छाओं एवं अपने साधनों के अनुरूप करना चाहिए |ध्येय चुनते समय स्वार्थ
और परमार्थ में संबंध में रखना चाहिए| अपनी रुचि एवं प्रवृत्ति को भी सामने रखना
चाहिए। यह विश्वास रखना आवश्यक है कि जो लक्ष्य उसने चुना है, वह स्वयं उसके लिए
महान हो, भले ही लोग उसे सामान्य माने |
ग-
क- 'समन्वय' शब्द का संधि विच्छेद कीजिए।
ख- संसार' शब्द का पर्यायवाची शब्द लिखिए।
मनुष्य
संसार का श्रेष्ठ प्राणी क्यों है ?
घ- ध्येय अथवा लक्ष्य के बिना जीवन निरर्थक है। कैसे?
ङ. ध्येय चुनते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
च- उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए |
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मनुष्य संसार का सबसे श्रेष्ठ प्राणी इसीलिए है क्योंकि ईश्वर ने उन्हें चिंतन और मनन की अद्भुत शक्ति प्रदान की है
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