निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए परिश्रम को सफलता की कुंजी माना जाता है। जीवन में सफलता पुरुषार्थ से ही प्राप्त होती है। कहा भी है-उद्योगी पुरूष सिंह को लक्ष्मी वरण करती है। जो भाग्यवादी है उन्हें कुछ नहीं मिलता। वह हाथ पर हाथ धरे रह जाते है। अवसर उनके सामने से निकल जाता है। भाग्य कठिन परिश्रम का ही दूसरा नाम है। प्रकृति को ही देखिए। सारे जड़-चेतन अपने कार्य में लगे रहते हैं। चींटी को भी पल भर चैन नहीं। मधुमक्खी जाने कितनी लंबी यात्रा कर बूंद-बूंद मधु जुटाती है। मुर्गे को सुबह बाग लगानी ही है। फिर मनुष्य को बुद्धि मिली है, विवेक मिला है। वह निठल्ले बैठे तो सफलता की कामना करना व्यर्थ है। इस अनुच्छेद का उचित शीर्षक दीजिए ? ख लक्ष्मी किसे कहते है ? चींटी और मधुमक्खी में क्या समानता है ? 'व्दार्थ का अर्थ लिखिए ?
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izsnksnsdjidndodbrod swniwwiwnd
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sgishsej
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