निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए- गुरु नानक एक बार अपने शिष्यों के साथ कहीं जा रहे थे। उन्होंने किसी भवन पर सात झंडे लगे हुए देखे। उन्होंने गद्यांश अपने शिष्यों से इसके बारे में पूछा। एक शिष्य ने कहा, “यह एक धनी सेठ की कोठी है। जब इसके पास एक लाख रुपये की सम्पत्ति जमा हो जाती है, तो यह अपने मकान पर एक झंडा लगा देता है। ऐसा लगता है कि इसके पास अब सात लाख रुपयों की सम्पत्ति है।" गुरु नानक उसको कोठी पर पहुंचे। जैसे ही सेठ को उनके आने की खबर मिली, उसने उनसे ऊपर चलने की प्रार्थना की। पर नानक देव ने कहा, “अभी समय नही है। काफी दूर जाना है। हाँ, हमारे पास एक सोने की सूई है। रास्ते में डाकुओं का भय है, अत: इसे अपने पास सुरक्षित रख लीजिए। इसे अगले जन्म में मुझे वापस कर देना।" सेठ ने हाथ जोड़कर कहा, महाराज! यह संभव नहीं है क्योंकि परलोक में तो मनुष्य कुछ भी साथ नहीं ले जा सकता।"
उपर्युक्त गद्यांश पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए- 1.सेठ ने अपनी कोठी पर सात झंडे क्यों लगा रखे थे?
2. गुरु नानक ने सेठ की कोठी में ऊपर जाने की प्रार्थना क्या कहकर अस्वीकार कर दी?
3. उन्होंने सेठ को सोने की सुंई देकर क्या कहा?
4. सुंई की घटना से वे उस सेठ को किस बात का ज्ञान कराना चाहते थे?
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(1)क्योंकि सेठ के पास सात लाख रूपए हो गए थे।
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