Hindi, asked by poojakhare652, 2 months ago

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर उसके नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर लिखिए दिया है शांति का संदेश ही हमने सदा जग को अहिंसा का दिया अब देश भी हमने सरकार जब को ना इसका अर्थ हम पुरुषत्व का बलिदान कर देंगे ना इसका अर्थ हम नारीत्व का अपमान सह लेंगे रहे इंसान चुपके से कीचड़ ना घाट सहकार जब उठती है पंक्ति भाषा भारती कक्षा 8 के किस पार्ट से ली गई​

Answers

Answered by shishir303
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दिया है शांति का संदेश ही हमने सदा जग को,

अहिंसा का दिया उपदेश भी हमने सदा जग को,

ना इसका अर्थ हम पुरुषत्व का बलिदान कर देंगे,

ना इसका अर्थ हम नारीत्व का अपमान सह लेंगे,

रहे इंसान चुप कैसे कि चरणाघात सहकर जब,

उमड़ उठती धरा पर धूल जो लाचार सोई है।

¿ ये पंक्तियां भाषा भारती कक्षा 8 के किस पाठ से ली गई​ हैं।

 ➲ ये पंक्तियां भाषा भारती के कक्षा 8 के पाठ “न यह समझो कि हिंदुस्तान की तलवार सोई है”

इन पंक्तियों का भावार्थ इस प्रकार है...

भावार्थ ➲  अर्थात कवि कहता है कि हमारे भारत देश ने सदैव ही इस संसार को शांति का संदेश दिया है। भारत ने पूरे विश्व को अहिंसा का पाठ पढ़ाया है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं लेना चाहिए कि हम अपने पुरुषार्थ यानी वीरता का बलिदान कर देंगे। जब ही हमारे मान सम्मान पर कोई आंच आएगी तो हम अपने मान सम्मान और अपने बेटियों के मान सम्मान की रक्षा के लिए हिंसा का सहारा भी ले सकते हैं। हमारी मान मर्यादा अथवा बहू बेटियों का अपमान किया जाएगा तो हम चुपचाप नहीं रह सकते। कोई भी मनुष्य किसी के पैरों की ठोकरे लगातार खा कर चुप नहीं रह सकता और अंततः उसे प्रतिकार के लिए उठ खड़ा होना ही होता है। पैरों की ठोकर से तो इस धरती पर पड़ी लाचार धूल भी उमड़ पड़ती है, हम तो फिर भी मान-सम्मान वाले मनुष्य हैं, हम भला चुप कैसे रह सकते हैं।

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