Hindi, asked by harshitabharti, 8 months ago

निम्नलिखित गद्यांश का सार एक तिहाई शब्दों में लिखिए।
भारत में अनेक विदेशी संस्कृतियों ने पैर पसारने का प्रयास किया किन्तु भारतीय संस्कृति आज भी सुरक्षित तथा
विकासशील है। इसका प्रमुख कारण भी यही है कि भारतवासियों को मानवोचित कर्तव्यों का ज्ञान है तथा वे प्राण
देकर भी मानव-धमों का पालन करते हैं। डॉ. इकबाल ने लिखा है - कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी
भारतीय संस्कृति सदा भौतिकता के स्थान पर आध्यात्मिक जीवन के विकास पर बल देती रही है। भारतीय मानते हैं
कि भौतिक शरीर क्षणभंगुर तथा आत्मा नित्य होती है। अत: व आत्म विकास तथा आत्म-ज्ञान को अधिक महत्त्व देते
हैं। आत्म-विकास के लिए जीवन में नैतिकता को अपनाना अनिवार्य है। जब मनुष्य नैतिक आत्म-विचारों को अपना
लेता है तो उसका शरीर, बुद्धि और मन भी सन्तुलिार हो जाता है। यह सन्तुलन उसे नीतिपूर्वक जीवन यापन करने में
महायता देता है।
मनुष्य में नैतिकता का बीजांकुरण बाल्यावस्था में ही हो जाना चाहिए क्योंकि बालक गीली मिट्टी के समान होता है।
अत: उसे जैसा चाहें डाला जा सकता है। बाल्यावस्था में जो प्रवृति बन जाती है, आजीवन वही संस्कार बने रहते हैं।

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Answered by rajatprajapati2404
0

Answer:

long answer......

Explanation:

next time.......... sorry

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