निम्नलिखित गद्यांश का सन्दर्भ सहित हिन्दी में अनुवाद कीजिए—
राष्ट्रध्वजः- सर्वेषु राष्ट्रप्रतीकेषु राष्ट्रध्वजस्य सर्वाधिकं महत्त्वं वर्तते । सर्वस्य स्वतन्त्रराष्ट्रस्य स्वकीयो ध्वजो भवति । तद्देशवासिनो जनाः नराः नार्यश्च स्वराष्ट्रध्वजस्य सम्मानं प्राणपणेन रक्षन्ति ।
त्रिवर्णात्मको मध्येSशोकचक्राङ्कितोSस्माकं राष्ट्रध्वजः तिरङ्का शब्देन विश्वे विश्रुतो विद्यते । ध्वजस्याधोभागः हरितवर्णात्मकः सुखसमृद्धिविकासानां सूचकः मध्यभागे श्वेतवर्णः ज्ञान-सौहार्द-सदाशायादिसद्गुणानां द्योतकः, ऊर्ध्वभागे च स्थितः गैरिकवर्णः त्यागस्य शौर्यस्य च बोधकः । ध्वजस्य मध्यभागस्थितश्वेतवर्णमध्येSवस्थितमशोचक्रं धर्मस्य सत्यस्याहिंसायाश्च प्रत्यायकम् । चक्रे चतुः विंशतिशलाकाः पृथगपि चक्रमूले एकत्र सम्बद्धाः भारते भाषाधर्मजातिवर्णालिङ्गभेदेषु सत्स्वपि भारतमेकं राष्ट्रमिति द्योतयन्ति ।
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राष्ट्रीय झंडा:- सभी राष्ट्रीय प्रतीकों में राष्ट्रीय झंडे का सबसे अधिक महत्व है। सभी स्वतंत्र राष्ट्रों के अपने झंडे होते हैं। उस देश के देशवासी स्त्री और पुरुष अपने राष्ट्रीय झंडे का सम्मान और प्राणों से बढ़कर रक्षा करते हैं। हमारा राष्ट्रीय झंडा तीन रंगों वाला बीच में अशोक चक्र जो तिरंगा शब्द से पूरे विश्व में विख्यात है। झंडे का निचला भाग हरे रंग का है जो सुख समृद्धि और विकास का सूचक है, बीच का भेदभाव ज्ञान और भाईचारे और सद्गुण का द्योतक है, सबसे ऊपरी भाग में केसरिया रंग त्याग और वीरता का सूचक है। झंडे के बीच वाले भाग सफेद रंग में स्थित अशोक चक्कर धर्म सत्य और अहिंसा का सूचक है। चक्र में 24 तिलिया अलग होते हुए भी चक्र के केंद्र में मिलना भारत में भाषा धर्म और जाति के अलग अलग होने पर भी भारत को एक राष्ट्र के रूप में प्रस्तुत करती हैं।
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