Hindi, asked by nishayuren, 11 months ago

निम्नलिखित गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए-
सूरज डूबने लगा और धीरे-धीरे ग्लेशियरों में पिघली केसर बहने लगी। बरफ कमल के लाल फूलों

में बदलने लगी, घाटियाँ गहरी पीली हो गईं। अँधेरा होने लगा तो हम उठे और मुँह-हाथ धोने और
चाय पीने लगे। पर सब चुपचाप थे, गुमसुम, जैसे सबका कुछ छिन गया हो, या शायद सबको कुछ
ऐसा मिल गया हो, जिसे अंदर ही अंदर सहेजने में सब आत्मलीन हों या अपने में डूब गए हों।"​

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Answered by karshpreet525
3

Answer:

Ye bahot long hee please

Explanation:

Sorry

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