निम्नलिखित गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए: 21 (क) महाशय दयानाथ को जब रमा के नौकर हो जाने का हाल मालूम हुआ, तो बहुत खुश हुए। विवाह होते ही वह इतनी जल्द चेतेगा इसकी उन्हें आशा न थी। बोले-जगत तो अच्छी है। ईमानदारी से काम करोगे, तो किसी अच्छे पद पर पहुँच जाओगे। मेरा यही उपदेश है कि पराए पैसे को हराम समझना।
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pls don't write in hindi I don't understand
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