निम्नलिखित गद्यांश को शुद्ध एवं साफ सुथरा लिखिए - राम और लक्ष्मण ने एक बार भी पीछे मुड़कर नहीं देखा| उनकी नजर सामने थी| सूरज की चमक फीकी पड़ने लगी थी । शाम होने को आई| राजकुमारों के चेहरे पर थकान का कोई चिह्न नहीं था| उत्साह था| वे दिनभर पैदल चले थे और अभी और भी चलने को तैयार थे|
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राम और लक्ष्मण ने एक बार भी पीछे मुड़कर नहीं देखा| उनकी नजर सामने थी| सूरज की चमक फीकी पड़ने लगी थी । शाम होने को आई| राजकुमारों के चेहरे पर थकान का कोई चिह्न नहीं था| उत्साह था| वे दिनभर पैदल चले थे और अभी और भी चलने को तैयार थे|
एक दिन एक सियार का किसी गाँव से गुजरत्र - गाँव के बाजार के
पास लोगों को देखना • वहाँ दो तगड़े बकरों की आपस में लड़ाई होना • सभी
लोगों का जोर-जोर से चिल्लाना और तालियाँ बजाना • दोनों बकरों का बुरी तरह
से लहूलुहान होना और सड़क पर खून बहाना • इतना सारा ताजा खून देखकर
अपने-आप को न रोक पाना • खून का स्वाद लेने के लिए बकरों पर टूट पड़ना
सियार को देखकर बकरों के द्वारा अपनी शत्रुता भूल जाना • मिलकर सियार
पर हमला बोल देना • सियार को वहीं मार देना।
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राम और लक्ष्मण ने एक बार भी पीछे मुड़कर नहीं देखा| उनकी नजर सामने थी| सूरज की चमक फीकी पड़ने लगी थी । शाम होने को आई| राजकुमारों के चेहरे पर थकान का कोई चिह्न नहीं था| उत्साह था| वे दिनभर पैदल चले थे और अभी और भी चलने को तैयार थे|
एक दिन एक सियार का किसी गाँव से गुजरत्र - गाँव के बाजार के
पास लोगों को देखना • वहाँ दो तगड़े बकरों की आपस में लड़ाई होना • सभी
लोगों का जोर-जोर से चिल्लाना और तालियाँ बजाना • दोनों बकरों का बुरी तरह
से लहूलुहान होना और सड़क पर खून बहाना • इतना सारा ताजा खून देखकर
अपने-आप को न रोक पाना • खून का स्वाद लेने के लिए बकरों पर टूट पड़ना
सियार को देखकर बकरों के द्वारा अपनी शत्रुता भूल जाना • मिलकर सियार
पर हमला बोल देना • सियार को वहीं मार देना।
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