निम्नलिखित गद्यांश को ध्यान से पढ़िए और पूछे गए हर प्रश्न का उत्तर लिखिए | दिन में मैं चादर लपेटे सोया था | दादी माँ आईं, शायद नहाकर आई थीं, उसी झागवाले जल में | पतले-दुबले स्नेह सने शरीर पर सफेद किनारीहीन धोती, सन-से सफेद बालों के सिरों पर सद्य: टपकते हुए जल की शीतलता | आते ही उन्होंने सर, पेट छुए | आँचल की गाँठ खोल किसी अदृश्य शक्तिधारी के चबूतरे की मिट्टी मुँह में डाली, माथे पर लगाई |
(क) लेखक दिन में क्यों सोया था ?
(ख) दादी माँ का चरित्र-चित्रण कीजिए |
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Answer:
प्रश्न / उत्तर
प्रश्न-1 दादी माँ पाठ की विधा और लेखक का नाम लिखिए।
उत्तर- दादी माँ पाठ की विधा - कहानी है और लेखक शिवप्रसाद सिंह हैं।
प्रश्न-2 गाँव के लड़के झागभरे जलाशयों में किस महीने में खेलतें हैं?
उत्तर- गाँव के लड़के झागभरे जलाशयों में क्वार के महीने में खेलतें हैं।
प्रश्न-3 दादी माँ ज्वर का अनुमान कैसे लगाती थीं?
उत्तर - दादी माँ छू-छूकर ज्वर का अनुमान लगाती थीं।
प्रश्न-4 दादी माँ कौन से जल से नहाकर आई थीं?
उत्तर - दादी माँ जलाशय के झागभरे जल से नहाकर आई थीं।
प्रश्न-5 दादी माँ बीमार लेखक के लिए क्या ले कर आई थीं?
उत्तर - दादी माँ बीमार लेखक के लिए अदृश्य शक्तिधारी के चबूतरे की मिट्टी लाई थीं।
प्रश्न-6 बरबस लेखक की आँखों के सामने किसी की धुँधली छाया नाच उठती है?
उत्तर - बरबस लेखक की आँखों के सामने दादी माँ की धुँधली छाया नाच उठती है।
प्रश्न-7 'लड़के बरह्मा का रूप होते हैं।' दादी माँ के इस कथन का क्या तात्पर्य है?
उत्तर - लड़के बरह्मा का रूप होते हैं। इस कथन का तात्पर्य है कि वह अबोध होते हैं और उनका मन साफ़ होता है।
प्रश्न-8 लेखक के मित्र उसका मज़ाक क्यों उड़ाते थे?
उत्तर - लेखक के मित्र उसका मज़ाक इसलिए उड़ाते थे क्योंकि ज़रा-सी कठिनाई पड़ते ही लेखक को गाँव, घर और परिवार की याद आने लगती थी।
प्रश्न-9 लेखक झागभरे जलाशयों में खेलने का अधिक मज़ा क्यों नहीं ले पाया?
उत्तर - लेखक झागभरे जलाशयों में खेलने का अधिक मज़ा बीमार हो जाने के कारण नहीं ले पाया।