निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर प्रश्नों के उत्तर लिखिए: स्नेह और सम्मान भरे शब्द किसे अच्छे नहीं लगते । मधुर वाणी जहां मित्रता का विस्तार करती है, वहीं कटु शब्द कठोर शत्रु भाव बढ़ाते हैं । दूसरों को स्नेह देना और उनका सम्मान करना सामाजिक सफलता का एकमात्र मंत्र है। जीवन में सुख, शांति और उन्नति चाहने वाले प्रत्येक महत्वकांक्षी को सबसे पहले यही सीख धारण करनी चाहिए। ईसा मसीह, गौतम बुद्ध, महावीर, महात्मा गांधी जैसे महापुरुषों में रंचमात्र भी अभिमान नहीं था। उन्होंने सदैव दूसरों को महत्व दिया और इस तरह से वे स्वयं महान बन गए । मान-सम्मान का मूल्य चुकाना असंभव है। बिना मान -सम्मान के यदि अमृत भी मिले तो वह विष बन जाता है और मानपूर्वक दिया गया विष भी अमृत बन जाता है। विद्यार्थी जीवन का प्रथम पाठ यही है कि गुरु के प्रति सम्मान का भाव अपने हृदय में पैदा करें अन्यथा उनकी सारी विद्या निष्फल हो जाएगी।
क) मित्रता तथा शत्रुता के भाव पैदा होने का मुख्य कारणक्या है? *
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ख) लेखक के अनुसार विद्यार्थी जीवन का प्रथम पाठ कौन- सा है? *
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ग) 'उन्नति' तथा 'अभिमान' के एक-एक समानार्थी / पर्यायवाची शब्द लिखिए: *
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घ) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए: *
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क् - मित्रता के भाव पैदा होने का मुख्य कारण है मधुर वाणी तथा शत्रुता के भाव पैदा होने का मुख्य कारण है कटु शब्द ।
ख - लेखक के अनुसार विद्यार्थी जीवन का प्रथम पाठ यह है कि गुरु के प्रति सम्मान भाव अपने ह्रदय में पैदा करें ।
ग - उन्नति = विकास
अभिमान = घमंड
घ - मधुर वाणी और सम्मान बेहद आवश्यक !!
आई होप यू वुड लाइक दीस आंसर .
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