निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर लिखिए -
लोकमान्य तिलक अंग्रेजों द्वारा बन्दी बनाए गए थे। उन्होंने जेल में अपने आपकों अध्ययन में
व्यस्त रखा। जल बहुत ही शान्त जगह थी, जहाँ पक्षी भी नहीं चहचहाते थे। तिलक अपने
भोजन में से थोडा खाना पक्षियों के लिए रखना शुरू कर दिया। आरम्भ में तो किसी ने वह खाना
छुआ नहीं, किन्तु कुछ दिन बाद थोड़े से पक्षियों ने यहाँ आना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे उनकी
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संख्या बढ़ती गई और वे तिलक के चारो तरफ इकट्ठे होने लग गये। पक्षी उनके सिर पर, कन्धों
पर निडर होकर बैठ जाते थे। एक दिन गश्त लगाते हुए जेलर तिलक की कोठरी की ओर आए
पक्षियों की चहचहाट सुनकर उनकी कोठरी में झांका और पूर्णतया आश्चर्य चकित रह गए। “इतने
सारे पक्षी, ये कहाँ से आ गए है ? " उसने पूछा। तिलक ने उत्तर दिया, “मित्र! मैं इन्हें भारत से
नहीं लाया। ये यहाँ से ही आए है"। जेलर आश्चर्य चकित रह गया। उसने कहा, यहाँ तो हर
कोई पक्षियों को खा जाता है, इसलिए पक्षी इस ओर नहीं आते हैं। तिलक हँस कर बोले, "पक्षी
भी मित्र और शत्रु में भेद कर सकते है।
1 तिलक जेल में अपना समय कैसे व्यतीत करते थे?
2 तिलक अपने भोजन से पक्षियों के लिए कुछ खाना क्यों रखते थे? 1
3. धीरे-धीरे संख्या बढ़ती गई उनकी, किनके लिए प्रयुक्त है ?
4. पक्षी तिलक के कन्धों पर कैसे बैठते थे?
शब्द पक्षी का पर्यायवाची क्या है ?
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अतिश
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१२३४५५६७८९१२३४५६७८h
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